राम मंदिर परिसर में होगी नक्षत्र वाटिका, लगाए जाएंगे 27 नक्षत्रों से संबंधित पौधे, PM मोदी कर चुके हैं शुरुआत
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राम मंदिर परिसर में होगी नक्षत्र वाटिका, लगाए जाएंगे 27 नक्षत्रों से संबंधित पौधे, PM मोदी कर चुके हैं शुरुआत

राम मंदिर परिसर में नक्षत्र वाटिका भी होगी. 27 नक्षत्रों के लिए 27 पेड़ लगाए जाएंगे. राम मंदिर परिसर हराभरा होगा, पूरे 70 एकड़ भूमि में हरियाली का खास ध्यान रखा जाएगा. ट्रस्ट के महामंत्री ने कहा कि  पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों नक्षत्र वाटिका में एक-एक पेड़ लगाए जा चुके हैं.

अयोध्या राम मंदिर का कंप्यूटरीकृत फोटो.

अयोध्या: अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य प्रारम्भ हो चुका है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि तेज गति से मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ हो चुका है. लार्सन एंड टूब्रो (Larsen & Toubro) के इंजीनियरों ने राम मंदिर निर्माण का कार्य अपने हाथों में ले लिया है.   

चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर परिसर में नक्षत्र वाटिका भी होगी. 27 नक्षत्रों के लिए 27 पेड़ लगाए जाएंगे. राम मंदिर परिसर हराभरा होगा, पूरे 70 एकड़ भूमि में हरियाली का खास ध्यान रखा जाएगा. ट्रस्ट के महामंत्री ने कहा कि  पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों नक्षत्र वाटिका में एक-एक पेड़ लगाए जा चुके हैं. चंपत राय ने कहा कि कागजी तैयारियों के बाद अयोध्या विकास प्राधिकरण में 70 एकड़ भूमि का नक्शा दाखिल किया जाएगा.

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क्या होती है नक्षत्र वाटिका?
नक्षत्र वाटिका में 27 नक्षत्रों से संबंधित पेड़ होते हैं. अयोध्या के राम मंदिर परिसर में भी नक्षत्र वाटिका स्थापित की गई है. इनमें पीएम मोदी और सीएम योगी ने एक-एक पौधा लगाया है. इस वाटिका में कुचला (अश्विनी), आंवला (भरणि), गूलर (कृतिका), जामुन (रोहिणी), खैर ( मृगशिरा), शीशम (आर्द्रा), बांस (पुनर्वसु), पीपल (पुष्य), नागकेसर (आश्लेषा), बरगद (मघा), पलाश (पूर्वा फाल्गुनी), पाकड़ (उत्तरा फाल्गुनी), रीठा (हस्त), बेल (चित्रा), अर्जुन (स्वाति), विकंकत (बिसाखा), मौलश्री (अनुराधा), चीड़ (ज्येष्ठा), साल (मूल), जलवेतस (पूर्वाषाढ़ा), कटहल (उत्तरासाढ़ा), मदार (श्रवण), शमी (धनिष्ठा), कदंब (शतभिषक), आम (पूर्वा भाद्रपद), नीम (उत्तरा भाद्रपद), महुआ(रेवती) के पेड़ लगाए जाएंगे.

मंदिर परिसर में दिखेंगी ये निम्न वाटिकाएं

नवग्रह वाटिका: राम मंदिर परिसर में नवग्रह वाटिका भी बनाई जाएगी. ग्रह-नक्षत्रों को अनुकूल बनाने वाले पौधों की वाटिका पर काम भी शुरू हो गया है. प्रभागीय वनाधिकारी मनोज खरे ने बताया कि परिसर में नवग्रह वाटिका की स्थापना के क्रम में एक माह के भीतर 100 से अधिक पौधे परिसर में रोपे गए हैं.

पंचवटी : आंवला, बेल, बरगद, पीपल और अशोक के समूह को पंचवटी कहते हैं. इसे पंचभूतों से भी जोड़कर देखा जाता है स्कंद पुराण में इसका वर्णन मिलता है.

हरिशंकरी: इस वाटिका में भगवान विष्णु और शंकर की कृपा मानी जाती है. इसके तहत पीपल, पाकड़ और बरगद इस प्रकार रोपित किए जाते हैं कि तीनों का संयुक्त छत्र विकसित हो.

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