मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने रानी गंज स्थित शराब की दुकान को सीज करा दिया है. वहीं, विक्रेता की धरपकड़ में पुलिस जुट गई है.
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बाराबंकी: उत्तर प्रदेश में एक बार फिर जहरीली शराब ने अपना कहर बरपा रही है. मामला बाराबंकी के रामनगर थाना क्षेत्र के रानीगंज गांव का है. जहां शराब पीने से एक ही परिवार के तीन सगे भाई और पिता सहित 12 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक, शराब पीने से कई और लोगों की हालत खराब है, जिनका इलाज चल रहा है. इस मामले में प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए जिला आबकारी अधिकारी, 1 इंस्पेक्टर, 3 हेड कांस्टेबल और 5 सिपाही सहित 12 लोगों को निलंबित कर दिया गया है.
ताजा जानकारी के मुताबिक, अस्पताल में दो दर्जन से ज्यादा लोगों को भर्ती कराया गया है. वहीं 9 अन्य लोगों को लखनऊ के ट्रामा सेंटर रेफर किया गया है. बताया जा रहा है कि कई मरीजों को दिखना बंद हो गया है. इस हादसे के बाद समाजवादी पार्टी के विधायक और नेता बाराबंकी के ट्रामा सेंटर पहुंचे हैं.
जानकारी के मुताबिक, परिजनों ने रानीगंज देशी शराब की दुकान से शराब लेकर पीस जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ने लगी. आनन-फानन में उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सूरतगंज ले गए, जहां उनकी मौत हो गई. बताया जा रहा है कि रमेश 35 साल, मुकेश 28 साल, सोनू 25 साल और उनके पिता छोटेलाल वाल्मीकि 50 साल की मौत हुई.
परिजनों ने बताया कि शराब पीने के बाद सभी की हालत बिगड़ने लगी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में ले गए. जहां एक को डॉक्टरों मृत घोषित कर दिया गया. वहीं, दो भाइयों की सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सूरतगंज में मौत हो गई. वहीं, छोटेलाल को गंभीर हालत में सीएचसी से लखनऊ ट्रामा सेंटर ले जाते समय मौत हो गई.
मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने रानी गंज स्थित शराब की दुकान को सीज करा दिया है. वहीं, विक्रेता की धरपकड़ में पुलिस जुट गई है. पुलिस का कहना है कि बॉडी पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है. मौत की वजह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आएगी कि मामला जहरीली शराब का है या खाने में जहर होने की वजह से मौत हुई है.
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आपको बता दें कि कुछ महीने पहले ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जहरीली शराब से भारी संख्या में मौत हुई थी. सहारनपुर, रुड़की और कुशीनगर में जहरीली शराब पीने से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. सहारनपुर, रुड़की, और कुशीनगर में लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई थी. इस मामले में प्रशासन की लापरवाही के लिए सरकार ने नागल थाना प्रभारी सहित दस पुलिसकर्मियों और आबकारी विभाग के तीन इंस्पेक्टर व दो कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया था.