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उत्तराखंड में BJP को झेलनी पड़ेगी बगावत, महिला सांसद का दावा-टिहरी सीट पर मेरा हक!

विजय बहुगुणा ने राज्य में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. इसके लिए उन्होंने शनिवार को नगरीय निकाय में जीते उम्मीदवारों को एक पार्टी भी दी. उधर, टिहरी लोकसभा सीट से प्रदेश बीजेपी की महिला सांसद रानी राज्यलक्ष्मी शाह ने फिर से टिहरी लोकसभा सीट से अपनी दावेदारी जताई है. रानी राज्यलक्ष्मी शाह का कहना है कि मौजूदा वक्त में टिहरी की सांसद है और आगे भी तैयार हैं.

2014 में टिहरी सीट से रानी राज्यलक्ष्मी ने जीत हासिल की थी. फाइल फोटो
2014 में टिहरी सीट से रानी राज्यलक्ष्मी ने जीत हासिल की थी. फाइल फोटो

देहरादून: उत्तराखंड में इस समय सभी सांसद बीजेपी के हैं. लोकसभा चुनावा सिर पर हैं, लेकिन लगता है इस बार बीजेपी को यहां पर बगावत का सामना करना पड़ सकता है. इसकी शुरुआत टिहरी सीट से हो सकती है. इस सीट से अभी बीजेपी की सांसद राज्यलक्ष्मी हैं. लेकिन इसी सीट पर बीजेपी के एक और नेता विजय बहुगुणा की भी नजरें हैं. अब तक निष्क्रीय  रहे बहुगुणा ने राज्य में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. इसके लिए उन्होंने शनिवार को नगरीय निकाय में जीते उम्मीदवारों को एक पार्टी भी दी.  

उधर, टिहरी लोकसभा सीट से प्रदेश बीजेपी की महिला सांसद रानी राज्यलक्ष्मी शाह ने फिर से टिहरी लोकसभा सीट से अपनी दावेदारी जताई है. रानी राज्यलक्ष्मी शाह का कहना है कि मौजूदा वक्त में टिहरी की सांसद है और आगे भी तैयार हैं. यानी पहला अधिकार उनका है. दरअसल टिहरी सांसद रानी राज्यलक्ष्मी शाह का ये बयान तब आया है जब पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय बहुगुणा ने अपनी सक्रियता बढ़ाते हुए देहरादून में एक दावत दी.

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बहुगुणा की इस दावत के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. देहरादून में दी गई इस दावत में टिहरी लोकसभा क्षेत्र को फोकस किया गया. यहां से निकाय चुनाव जीते जनप्रतिनिधियों के अलावा देहरादून के विधायकों, सरकार के मंत्रियों, भाजपा के पदाधिकारियों और मुख्यमंत्री को भी दावत में बुलाया गया, लेकिन टिहरी सांसद रानी राज्य लक्ष्मी को दावत का न्योता नहीं भेजा गया. विजय बहुगुणा 2004 और 2009 में यहां से सांसद रह चुके हैं.

सांसद रानी राज्य लक्ष्मी ने स्वयं दावत का न्योता मिलने से इंकार किया. लेकिन साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को भी इशारा कर दिया कि उनकी इस दावत के लजीज पकवानों का जायका वो इतने आसानी ने नहीं लेने देंगी.

राज्यलक्ष्मी शाह ने साफ संकेत दे दिए हैं कि वह इस सीट पर मौजूदा सांसद हैं और इस सीट पर किसी और का अधिकार वो इतने आसानी से नहीं होने देंगी. रानी के सख्त तेवर ये बताने को काफी हैं कि वे अब इस सीट पर किसी भी सूरत में पूर्व सीएम विजय बहुगुणा को नहीं आने देंगी. हालांकि वे ये भी कहती हैं कि फैसला शीर्ष नेतृत्व करेगा. खास तौर से बहुगुणा के भोज ने इस सियासत को एक नया मोड़ दे दिया है. सियासी गलियारों में चर्चा हैं कि विजय बहुगुना टिहरी सीट से बड़ा दांव खेलना चाहते हैं इसीलिए उन्होंने सक्रियता भी बढ़ा दी है.

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