बीजेपी नेता पर टाइगर रिजर्व में नॉनवेज पार्टी का आरोप
Advertisement

बीजेपी नेता पर टाइगर रिजर्व में नॉनवेज पार्टी का आरोप

फोटो में दिख रहा है कि रिजर्व के अंदर पार्षद अपने साथियों के साथ पार्टी कर रहे हैं. 

 वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत पार्षद जी को तीन साल की सजा हो सकती है

हिमांशु मित्तल, कोटा: बीजेपी पार्षद युसूफ कड़क पर मुकंदरा टाइगर रिजर्व के अंदर नॉनवेज पार्टी करने का आरोप लगा है. वन विभाग इस मामले की जांच कर रहा है. अगर ये सच साबित हुआ तो उन्हें तीन साल तक की सजा हो सकती है. हालांकि पार्षद युसूफ कड़क ने इन आरोपों से इंकार किया है. दरअसल बीजेपी पार्षद की दस फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. लोग फोटोज में बैकग्राउंड देखकर दावा कर रहे हैं ये मुकुंदरा टाइगर रिजर्व की हैं. फोटोज में दिख रहा है कि रिजर्व के अंदर पार्षद अपने साथियों के साथ पार्टी कर रहे हैं. 

फोटोज में साफ दिख रहा है कि पत्थर के चूल्हे पर बर्तन चढ़ाकर मीट पकाया जा रहा है. कुछ फोटोज में थाली में भी मीट परोसा गया है. फोटो में एक गाड़ी भी नजर आ रही हैं. तस्वीरें देखकर लग रहा है कि फोटोज अलग-अलग सीजन में ली गई हैं. कोई गर्मी की है तो कोई सर्दी की. इससे कयास लगाया जा रहा है पार्षद रिजर्व में जाकर अक्सर पार्टी करते हैं. फोटोज के आधार पर वन विभाग लोकेशन पता करने में जुट गया है. 

पार्षद का आरोपों से इंकार 
टाइगर रिजर्व के अंदर पार्टी के आरोपों पर पार्षद युसूफ का कहना है कि वो बेवकूफ नहीं हैं कि वन्य प्राणियों के लिए संरक्षित इलाके में जाकर पार्टी करेंगे. उनका कहना है कि ये फोटोज दस साल पुरानी हैं. पार्षद इन फोटोज को भवरकुंज और आवली रोझड़ी खाल के पास मौजूद बबूल के खेत की बता रहे हैं. युसूफ कड़क की मानें तो कोई फोटो टाइगर रिजर्व की नहीं है.

fallback

आरोप सही तो कितनी सजा
अगर ये मामला टाइगर रिजर्व सेंचुरी का निकला और पार्टी का मुकुंदरा में होना पाया गया तो पार्षद युसूफ कड़क को मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में बिना परमिशन प्रवेश करने ,वहां मीट पकाने ,आग जलाने और वन्य जीवों का हैबिटैट नष्ट करने पर सजा हो सकती है.  वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत तीन साल की सजा हो सकती है. अगर पाया गया कि उन्होंने शिकार भी किया है तो 7 साल की सजा हो सकती है. 

fallback

मामला टाइगर रिजर्व सेंचुरी का निकलने पर 3 से 7 साल की सजा का प्रावधान के तहत 3 वर्ष तक की सजा हो सकती हे वही जंगल में शिकार करना अगर पाया गया तो 7 वर्ष की सजा का प्रावधान हे कार्रवाई अधिनियम की धारा 9,27,29,30 के तहत होगी. 

Trending news