उत्तर प्रदेश के अगले बजट में योगी सरकार प्राइमरी स्कूलों को स्मार्ट बनाने के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं कर सकती है. आइए जानते हैं 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक के बजट में किन क्षेत्रों पर फोकस रहने की उम्मीद है.
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लखनऊ : योगी सरकार का अगला बजट 21 फरवरी को आ रहा है. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 के आय-व्यय को 22 फरवरी को विधानमंडल के दोनों सदनों में पेश करेंगे. 20 फरवरी से विधानसभा व विधान परिषद का संयुक्त अधिवेशन में राज्यपाल के अभिभाषण के साथ बजट सत्र शुरू हो जाएगा. बताया जा रहा है कि बजट सत्र के दौरान शनिवार को भी सदन चलेगा.
योगी सरकार ने पिछले बजट में शिक्षा पर विशेष फोकस किया था. समग्र शिक्षा अभियान के लिए बजट में 18,670 करोड़ 72 लाख और मिड-डे मील स्कीम के लिए 3548.93 करोड़ का बजट आवंटित किया गया था. स्कूल शिक्षा योगी की प्राथमिकता का क्षेत्र रहा है. यही वजह है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों के लिए नि:शुल्क यूनिफॉर्म, स्वेटर , बैग आदि के लिए 370 करोड़ की व्यवस्था की गयी थी. योगी सरकार ने सैनिक स्कूलों के संचालन को मजबूती देने के लिए बजट में 98 करोड़ 38 लाख रुपये का प्रावधान किया था. इसी तरह संस्कृत स्कूलों को अनुदान के लिए 836 करोड़ 80 लाख रुपये का बड़ा बजट एलॉट किया गया था. योगी सरकार ने पिछले बजट में संस्कृत में पढ़ाई को प्रोत्साहित करने के लिए कई बड़े फैसले लिए थे. इनमें संस्कृत में आधुनिक विषयों का समावेश करते हुए एनसीईआरटी का सिलेबस लागू किया जाना अहम था.
टैबेलेट और स्मार्ट फोन पर जोर
पांच वर्षों में करोड़ करोड़ स्मार्ट फोन और टैबलेट वितरित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में इसके लिए 1500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. प्रदेश में अब तक 20 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को टैबलेट वितरित किए जा चुके हैं.
कोचिंग की सुविधा
अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए उनके घर के पास ही कोचिंग की सुविधा मुहैया कराने के लिए मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के लिए 30 करोड़ रुपये आवंटित किया गया था. Mukhyamantri Abhyudaya Yojana के जरिए राज्य के छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए फ्री कोचिंग मुहैया कराई जाती है. इस योजना के तहत एक्सपर्ट के माध्यम से राज्य के स्टूडेंट को उनके अपने जनपद में यह कोचिंग सुविधा मिलती है.
मेडिकल एजुकेशन को मिला था बढ़ावा
मेडिकल एजुकेशन के लिए भी पिछले बजट में एक अहम घोषणा हुई थी. एमबीबीएस एवं पीजी पाठ्यक्रमों में सीटों में वृद्धि के लिए 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई. इससे मेडिकल एजुकेशन को बढ़ावा मिला है. इसी तरह आज प्रदेश में जो नर्सिंग कॉलेज निर्माण के अंतिम चरण में हैं, उनके लिए 25 करोड़ रुपये आवंटित किया गया था. अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ की स्थापना हेतु 100 करोड़ 45 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई. अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय से राज्य के 14 डेंटल,लगभग 50 मेडिकल,250 पैरामेडिकल कॉलेज और 350 नर्सिंग कॉलेज को मान्यता मिल चुकी है.
प्रदेश के 14 जिलों में निर्माणाधीन नये मेडिकल कॉलेजों के लिए 2100 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु पिछले बजट में 113 करोड़ 52 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई थी. 28 अगस्त 2021 को आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द द्वारा किया गया था. इस विश्वविद्यालय से प्रदेश भर के सभी आयुष कालेज संबद्ध किए गए हैं.
स्मार्ट क्लास पर जोर
राजकीय महाविद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज के संचालन के लिए 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई थी. इसी तरह राजकीय महाविद्यालयों के निर्माणाधीन भवनों को पूरा करने के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. प्रदेश में 75 नये राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना का कार्य अंतिम चरण में है.
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