UP: इस नवरात्रि मुख्यमंत्री योगी का संकल्प-कोरोना से 'नो' कोम्प्रोमाईज
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UP: इस नवरात्रि मुख्यमंत्री योगी का संकल्प-कोरोना से 'नो' कोम्प्रोमाईज

योगी आदित्यनाथ ने बता दिया कि जब बात अपनों की होती है तो वो कैसे कोरोना वायरस जैसी बड़ी चुनौतियों से भी निपट सकते हैं. पिछले 36 घंटे बिना सोए, बिना रूके बैठकों का दौर चलता रहा. फोन और ग्राउंड निरीक्षण कर सीएम योगी ने हालातों को परत दर परत जाना.

उत्तर प्रदेश को बचाने में जुटे योगी आदित्यनाथ

लखनऊ: कोरोना के कहर ने देश को हिला के रख दिया है. देश के कई राज्य इससे प्रभावित हैं उन्हीं में से उत्तर प्रदेश भी एक है. हमारे देश ने पहले भी कई आपदाओं और चुनौतियों का सामना किया है लेकिन कोविड 19 जैसी सबसे बड़ी विपदा का सामना पहली बार कर रहा है. इस विपदा के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये साबित कर दिया के बतौर सरकार अपनों की जिम्मेदारी कैसे उठाई जाती है. 

सीएम योगी अक्सर विभिन्न आयोजनों में इस बात को कहते दिखें हैं कि चुनौतियों को अवसरों में बदलना हमे आता है और इस वक्त वह ये बात साबित करते नजर आ रहे हैं. कोरोना वायरस जैसी एक बड़ी चुनौती को हराने के लिए मुख्यमंत्री ने दिन रात एक कर बता दिया कि यूं ही नहीं कोई योगी आदित्यनाथ बन जाता.  

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योगी आदित्यनाथ ने बता दिया कि जब बात अपनों की होती है तो वो कैसे कोरोना वायरस जैसी बड़ी चुनौतियों से भी निपट सकते हैं. पिछले 36 घंटे बिना सोए, बिना रूके बैठकों का दौर चलता रहा. फोन और ग्राउंड निरीक्षण कर सीएम योगी ने हालातों को परत दर परत जाना. वैसे तो मुख्यमंत्री योगी की दिनचर्या सुबह 4 बजे से ही शुरु हो जाती है. लेकिन पिछली कई रातों से वो ठीक से सो नहीं पाएं हैं, वजह लोगों को सकुशल उनके घर तक पहुंचाने की चिंता है. 23 करोड़ जनता को खाने-पीने का सामान मिल रहा है या नहीं इस बात का ख्याल है. 

रामनवमी का पर्व आने वाला है, नवरात्र चल रहे हैं और हर साल की तरह इस बार भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कठिन उपवास कर रहे हैं, लेकिन इस उपवास के दौरान कोरोना नाम की इस कालरूपी खतरनाक बीमारी से मुकाबला करने की उनकी अदम्य इच्छाशक्ति कमजोर नहीं हुई. 

यूपी में कोरोना के मरीजों के सामने आने से पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बीमारी से निपटने के लिए रणनीति को अमली जामा पहना दिया था और इसी का नतीजा है कि पिछले 36 घंटे में देश के कई राज्यों में कोरोना के मरीजों की संख्या में जबरदस्त उछाल आया है लेकिन उत्तर प्रदेश में हालात नियंत्रण में हैं.

अस्पतालों में कोरोना वायरस से लड़ने के इंतजाम कैसे हैं?
सोमवार सुबह साढ़े 9 बजे उन्होंने बैंक अधिकारियों व पंचायती राज के अधिकारियों से मुलाकात कर मनरेगा श्रमिकों के भुगतान की पूरी प्रक्रिया समझी और आधे घंटे बाद ही 27.15 लाख मनरेगा श्रमिकों के हित में एक बटन दबाकर 611 करोड़ रुपये के सीधे भुगतान के बाद लाभार्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात की. यह कार्यक्रम खत्म होते ही कोरोना को लेकर रोजाना की तरह उन्होंने एक कोच की तरह टीम 11 के अधिकारियों के साथ बैठक की, जरुरी हिदायत दी और नोएडा के दौरे पर निकल गए.

नौ दिनों का उपवास रखने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ ने हेलिकॉप्टर में ही फलहार लिया और नोएडा पहुंचते ही एरियल सर्वे किया. यहां बैठकों को दौर देर रात तक जारी रहा. पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार वो मंगलवार सुबह गाजियाबाद निकले और अस्पतालों का मुआयना किया. 

इसी बीच जब टीवी पर तबलीगी जमात का मसला आ गया तो सभी कार्यक्रमों को रद्द कर मुख्यमंत्री योगी ने लखनऊ में एक बड़ी बैठक बुला ली. फिर एक कुशल शासक की तरह वो गाजियाबाद से लखनऊ पहुंचे और सरकारी आवास पर साढ़े 12 बजे टीम 11 के साथ मीटिंग शुरु कर दी और कोरोना वायरस से निपटने को लेकर जरुरी हिदायतें दी. मीटिंग के खत्म होते ही दोपहर दो बजे उन्होंने वित्त विभाग और अन्य विभागों से जुड़ी जरुरी फाइलों पर साइन किया. इसके साथ ही लोगों से फोन पर बात करके पूरे प्रदेश का हाल चाल लेते रहे.

बात यही नहीं खत्म हुई शाम को 7 बजे मुख्यमंत्री योगी सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की और प्रदेश में कोरोना वायरस से लड़ने की तैयारियों की समीक्षा भी की. बहरहाल इन 36 घंटों के कार्यक्रम को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि आज उन्हें अपनी नींद से ज्यादा अपने प्रदेश की चिंता है.

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