BHU हिंदुत्व विचारधारा को बढ़ावा देने का अड्डा बन चुका है- कांग्रेस
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BHU हिंदुत्व विचारधारा को बढ़ावा देने का अड्डा बन चुका है- कांग्रेस

कांग्रेस ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा कि BHU अपनी विश्वसनीयता खो रहा है. यहां अब हिंदुत्व के एजेंडे को प्रचारित किया जा रहा है.

छात्रों ने विश्वविद्यालय बंद करने की चेतावनी दी है.

अमित सिंह, वाराणसी: 2019 लोकसभा चुनाव के लिए तकरीबन 1 साल से ज्यादा का वक्त बचा है, लेकिन राजनीतिक घेराबंदी और रणनीति अब जमीन पर दिखने लगी है. राजनीतिक पार्टियां अब एक दूसरे को घेरने के लिए शैक्षणिक संस्थानों को भी अपने हित के लिए इस्तेमाल करने लगी हैं. राजनीतिक पार्टियों का शिकार अब बनारस हिंदू विश्वविद्यालय बना. दरअसल, BHU को लेकर कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 15 जुलाई को एक ट्वीट किया गया, जिसको लेकर अब बवाल शुरू हो गया है. इस ट्वीट के जरिए कांग्रेस ने एक लेख का हवाला देते हुए काशी हिंदू विश्वविद्यालय की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए. इस ट्वीट के बाद BHU में पढ़ने वाले छात्र, कर्मचारी और शिक्षकों ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

कांग्रेस की तरफ से जो ट्वीट किया गया है उसमें ये आरोप लगाया गया कि अब विश्वविद्यालय परिसर में BHU की मूल भावना विभिन्नता को ताक पर रख कर हिंदुत्व का एजेंडा चलाया जा रहा है. इसकी वजह से BHU अपनी विश्वसनीयता खोता जा रहा है. इस ट्वीट के बाद से विश्वविद्यालय के छात्र, शिक्षक और कर्मचारी कांग्रेस के खिलाफ खुलकर लामबंद हो गए हैं.

 

 

बीएचयू के छात्र अरुण चौबे ने इस मामले पर कहा कि कांग्रेस अपने पतन की तरफ जा रही है. यही वजह है कि वह राजनीति छोड़ विश्वविद्यालयों को टारगेट कर रही है. जिस विश्वविद्यालय में सभी जाति और धर्म को जोड़ने की बात सिखाया जाता है, उस विश्वविद्यालय के बारे में कांग्रेस पार्टी ऐसी बात कह रही है जो बेहद ही निंदनीय है. छात्रों ने कांग्रेस पार्टी को 24 घंटे के भीतर विश्वविद्यालय से माफी मांगने की हिदायत दी है.

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छात्रों का कहना है कि यदि ऐसा नहीं होता है तो वे विश्वविद्यालय को बंद करवाने का काम करेंगे. यही नहीं, छात्रों ने कांग्रेस पर 2019 के चुनाव से पहले काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को टारगेट करने का आरोप लगाया. छात्रों ने कहा कि 2019 के चुनाव में हम सभी छात्र उस पार्टी का समर्थन करेंगे जो विश्वविद्यालय का सम्मान करेंगे और राष्ट्र और विकास को सर्वोपरि मानेंगे.

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क्लास रूम में छात्रों को राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ा रहे राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर कौशल किशोर का कहना है कि कांग्रेस के ट्वीट में लिखा गया है कि बीएचयू अपनी पहचान और विश्वसनीयता खो रहा है, लेकिन उनलोगों को पता नहीं है कि विश्वविद्यालय करीब 100  साल पुराना है. इतना पुराना विश्वविद्यालय अपनी विश्वसनीयता को कैसे खो सकता है. विश्वविद्यालय को बिना देखे और जाने यहां की विश्वसनीयता पर सवाल उठना पागलपन है. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को लेकर राजनीति किया जा रहा है, क्योंकि यह पीएम के संसदीय क्षेत्र में है. उन्हें नहीं पता कि जब मोदी जी यहां नहीं थे, उस समय भी यह विश्वविद्यालय था. शायद उनको पता नहीं है कि BHU राजनीति नहीं करता है, बल्कि राजनीति को तय करता है.

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