देहरादून से दिल्ली तक दंपति ने साइकिल से की यात्रा, पर्यावरण के लिए दिया ये खास संदेश
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देहरादून से दिल्ली तक दंपति ने साइकिल से की यात्रा, पर्यावरण के लिए दिया ये खास संदेश

देहरादून निवासी शिक्षक दंपति सोमपाल कोहली व चंपा कोहली देहरादून से दिल्ली तक साईकिल यात्रा कर लोगों को प्रदूषण न फैलाने का आग्रह कर रहे हैं. 

देहरादून से दिल्ली की साइकिल यात्रा करने वाले सोमपाल सिंह कोहली ने बताया कि हम लोग साइकिल से देहरादून सीधा दिल्ली पहुंचे थे.

मुजफ्फरनगर: देशभर में लोग प्रदूषण को लेकर चिंता जाहिर करते रहते हैं. देश की राजधानी दिल्ली तो 'गैस चेंबर' कहलाने लगी है. इन सबके बीच एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसे पढ़कर कहा जा सकता है कि पर्यावरण को लेकर अब आम आदमी भी जागरूक हो रहा है. दरअसल, देहरादून के किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले एक शिक्षक दंपति पर्यावरण, किसान और पलायन को लेकर देहरादून से लेकर दिल्ली तक की साइकिल यात्रा कर रहे हैं. इस दंपति ने साईकिल यात्रा कर शहरों में फैल रहे प्रदूषण से पर्यावरण को बचाने की मांग की है. साथ ही किसानों को सरकारी नौकरी वाले लोगों की तनख्वाह का कुछ हिस्सा काटकर 10 हजार रुपये महीना देने की मांग की है. 

देहरादून निवासी शिक्षक दंपति सोमपाल कोहली व चंपा कोहली देहरादून से दिल्ली तक साईकिल यात्रा कर लोगों को प्रदूषण न फैलाने का आग्रह कर रहे हैं. दंपति ने देश के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन राजभवन के अधिकारियों को सौंपा है. इसमें पर्यावरण और किसान को सुरक्षित करने की मांग व सुरक्षित कैसे रखा जा सकता है, उसके उपाय बताए हैं. दंपति दिल्ली से ज्ञापन देकर वापस देहरादून लौटते समय मुजफ्फरनगर के शिव चौक पर रुके थे. 

देहरादून से दिल्ली की साइकिल यात्रा करने वाले सोमपाल सिंह कोहली ने बताया कि हम लोग साइकिल से देहरादून सीधा दिल्ली पहुंचे थे. हमने किसान, पर्यावरण और पलायन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति को एक ज्ञापन दिया है. उन्होंने बताया कि ज्ञापन में समस्याओं के साथ ही उनके निवारण के उपाय भी हमने सुझाए हैं. 

उन्होंने बताया कि वह और उनकी पत्नी दोनों शिक्षक हैं. उन्होंने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए हम लोग देहरादून से दिल्ली साइकिल से जा सकते हैं. इससे सीख लेते हुए जो लोग 10 से 12 किमी गाड़ी में जाते हैं, वो साइकिल से जाए. उससे हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहेगा. वहीं, उन्होंने मांग की कि किसानों को सरकारी नौकरी करने वालों की तनख्वाह का कुछ हिस्सा काट कर 10 हजार रुपये महीना देने चाहिए, जिससे किसान प्रोत्साहित होगा.

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