Char Dham Yatra 2024: 15 अप्रैल सुबह सात बजे से पंजीकरण कराने के लिए वेबसाइट खुल गई है. इसके अलावा मोबाइल एप, व्हाट्सएप नंबर और टोल फ्री नंबर भी पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध है. पिछले साल 56 लाख लोगों ने चार धाम यात्रा की थी.
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सुरेंद्र डसीला/देहरादून: चार धाम यात्रा के लिए सोमवार,15 April से रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है. चार धाम यात्रा पंजीकरण की वेबसाइट खुल गई है. सोमवार सुबह सात बजे से वेबसाइट एप वाट्सएप व टोल फ्री नंबर के माध्यम से तीर्थयात्री पंजीकरण शुरू हो गए हैं. श्रद्धालु टूरिज्म डिपार्टमेंट की वेबसाइट, मोबाइल एप व्हाट्सएप नंबर और टोल फ्री नंबर के जरिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. पिछले साल से चार धाम यात्रा के लिए पंजीकरण अनिवार्य हो गया है.
लाखों श्रद्धालु करते हैं चार धाम यात्रा
हर साल देश के लाखों श्रद्धालु चार धाम यात्रा पर जाते हैं. बिना पंजीकरण के कोई भी श्रद्धालु चार धाम यात्रा नहीं कर पाएगा. चार धाम यात्रा में श्रद्धालु केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा करते हैं और यहां दर्शन करते हैं.
कब शुरू हो रही है चार धाम यात्रा
इस साल चार धाम यात्रा की शुरुआत 10 मई से हो रही है.
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यहां करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन
चार धाम की यात्रा के लिए ऐसे करें पंजीकरण पर्यटन विभाग की वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर लॉगिन कर पंजीकरण किया जा सकता है. इसके अलावा व्हाट्सएप नंबर-8394833833 पर yatra (यात्रा) लिख कर मैसेज करके भी पंजीकरण (Registrationः कर सकते हैं. जो यात्री वेबसाइट पर पंजीकरण नहीं कर पाते हैं, उनके लिए पर्यटन विभाग ने टोल फ्री नंबर- 0135-1364 पर कॉल करने पर पंजीकरण की सुविधा दी है. इसके साथ ही स्मार्ट फोन पर touristcarerttarakhand मोबाइल एप से पंजीकरण कर सकते हैं.
काल सेंटर संचालित
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद कार्यालय में काल सेंटर संचालित किया जाएगा. ऋषिकेश चार धाम यात्रा ट्रांजिट कैंप में भी रजिस्ट्रेशन के लिए आठ काउंटर बनाए गए हैं।
पिछले साल 74 लाख तीर्थयात्रियों ने कराया था पंजीकरण
गौरतलब हो कि चार धाम यात्रा के लिए पिछले साल 74 लाख तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया था. इसमें पूरी यात्रा काल में 56 लाख यात्रियों ने चार धामों के दर्शन किए थे. पर्यटन विभाग का मानना है कि इस बार चार धाम यात्रा में आने वाले भक्तों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है.
11 भाषाओं में हेल्थ गाइडलाइन
गौरतलब हो कि स्वास्थ्य विभाग ने पिछले साल हिंदी-अंग्रेजी के अलावा 9 अन्य भाषाओं में एसओपी जारी की थी. इस बार भी ऐसा ही होगा. कुल 11 भाषाओं में एसओपी जारी होगी, जिससे अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को उनकी भाषा में स्वास्थ्य संबंधी गाइडलाइन और जानकारी मिल सकेगी.
चार धाम यात्रा
उत्तराखण्ड को देव भूमि कहा जाता है. यहीं हिमालय पर्वत में हिंदू धर्म के 4 पवित्रतम तीर्थ स्थित हैं, जिन्हें चार धाम कहा जाता है. ये चार धाम उत्तराखण्ड राज्य के गढ़वाल मण्डल में उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में स्थित हैं. हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा को बहुत शुभ माना जाता है और जिसके लिए हर साल देश के कोने-कोने से श्रद्धालु इस यात्रा पर आते हैं. शास्त्रों के अनुसार, चार धाम की यात्रा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और वो जन्म-मरण के चक्र से भी मुक्त हो जाता है. इस साल केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट 10 मई को खुलेंगे और बद्रीनाथ के कपाट 12 मई को खुलेंगे.चार धाम यात्रा यमुनोत्री से शुरू होती है, फिर गंगोत्री की ओर बढ़ती है. इसके बाद केदारनाथ के दर्शन के बाद बद्रीनाथ धाम के दर्शन के साथ चार धाम यात्रा संपन्न होती है.
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