प्रदेश में इस दौरान 250 लोगों ने संक्रमण के चलते दम तोड़ दिया. पूरे प्रदेश की बात करें तो सरकारी आंकड़ों के अनुसार सूबे में अब तक 2213 मौतें कोरोना की वजह से हो चुकी हैं.
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मयंक राय/देहरादून: प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को रोकने के सभी प्रयास नाकाफी सिद्ध हो रहे हैं. सीमाओं पर सख्ती हो या फिर कर्फ्यू लगाकर हालात पर काबू पाने का प्रयास कुल मिलाकर सफलता नही मिल पा रही. इस बीच राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
नहीं थम रहा मौतों का सिलसिला
सरकारी स्तर पर तमाम यत्न किए जा रहे हैं. सख्ती भी बरती जा रही है लेकिन मौतों का क्रम नही थम रहा. हालात इस कदर बिगड़ते जा रहे हैं कि उत्तराखंड में कोरोना मृत्यु दर राष्ट्रीय दर से आगे निकल चुका है.
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5 दिन में 250 मौतें
बीते पांच दिन के आंकड़े डराने वाले हैं. प्रदेश में इस दौरान 250 लोगों ने संक्रमण के चलते दम तोड़ दिया. पूरे प्रदेश की बात करें तो सरकारी आंकड़ों के अनुसार सूबे में अब तक 2213 मौतें कोरोना की वजह से हो चुकी हैं.
राज्य में एक्टिव केस की संख्या 39031 पहुंच चुकी है. जबकि आश्चर्य जनक रूप से रिकवरी रेट घट रहा है. मौजूदा समय मे रिकवरी रेट घटकर 71.57 प्रतिशत पहुंच चुका है.पूरे प्रदेश की अगर बात करें तो अब तक 156859 लोग कोरोना के संक्रमण में आ चुके हैं जबकि112265 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं.
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बढ़ गई है मृत्यु दर
सरकार और स्वास्थ्य महकमे के लिए परेशानी की बात यह है कि उत्तराखंड में कोरोना से मृत्यु की दर राष्ट्रीय स्तर को पीछे छोड़ चुकी है. राज्य में कोरोना मृत्यु दर 1.41 है जबकि राष्ट्रीय स्तर 1.13 प्रतिशत है. ऐसे में व्यवस्थाओं को बनाए रखना और मृत्यु दर को नीचे लाना फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती बन गई है. संक्रमण को रोकने के लिए देहरादून, कोटद्वार एवं हल्द्वानी में एक सप्ताह का कर्फ्यू भी लगाया गया है.
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