UP के पूर्व मुख्य सचिव दीपक सिंघल और उनके दामाद पर FIR, 2.5 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप
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UP के पूर्व मुख्य सचिव दीपक सिंघल और उनके दामाद पर FIR, 2.5 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप

 संजय ने पुलिस को दी गई अपनी तहरीर में आरोप लगाए हैं कि दीपक सिंघल ने अपने दामाद के साथ मिलकर कागज सप्लाई का टेंडर दिलाने के नाम पर उनके साथ जालसाजी की.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव ​दीपक सिंघल. (File Photo)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव दीपक सिंघल और उनके दामाद के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने 2.5 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी और साजिश रचने के मामले में केस दर्ज किया है. दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-13 निवासी संजय अग्रवाल की शिकायत पर पुलिस ने यह कार्रवाई की है. संजय ने पुलिस को दी गई अपनी तहरीर में आरोप लगाए हैं कि दीपक सिंघल ने अपने दामाद के साथ मिलकर कागज सप्लाई का टेंडर दिलाने के नाम पर उनके साथ जालसाजी की. आपको बता दें कि दीपक सिंघल सितंबर 2016 में उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेट्री बनाए गए थे.

यूपी के सरकारी विभागों में स्टेशनरी सप्लाई का टेंडर दिलाने का वादा किया
संजय अग्रवाल ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को बताया कि वर्ष 2017 में दीपक अग्रवाल से उनकी मुलाकात हुई. उसने संजय कहा कि आपका कागज का कारोबार है, मैं आपको उत्तर प्रदेश के विभिन्न विभागों में स्टेशनरी सप्लाई का टेंडर दिला दूंगा. दीपक अग्रवाल ने संजय को अपनी बात का विश्वास दिलाने के लिए उनकी मुलाकात अपने ससुर दीपक सिंघल से करवाई जो उस समय उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के पद पर तैनात थे. संजय के मुताबिक दीपक सिंघल ने भी उन्हें टेंडर दिलाने का भरोसा दिया. संजय अग्रवाल ने अपनी तहरीर में कहा है, ''चूंकि यूपी का मुख्य सचिव मुझसे कह रहा था कि वह मुझे टेंडर दिला देगा इसलिए मेरा भरोसा कायम हो गया. इसके बाद मैंने उनके दामाद को 2.5 करोड़ रुपए टोकन मनी के रूप में दे दिया.''

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कारोबारी संजय अग्रवाल का आरोप है कि मुलाकात के दौरान तत्कालीन चीफ सेक्रेट्री दीपक सिंघल ने उनसे कहा था कि उनके दामाद की आरडी पेपर्स नाम से कंपनी हैं. यूपी के सरकारी विभागों में कागज की काफी डिमांड है. अगर स्टेशनरी की सप्लाई का टेंडर वह अपने दामाद की कंपनी को देंगे तो उन पर सवाल खड़े होंगे. इसलिए दीपक सिंघल ने संजय अग्रवाल से कहा कि वह उनके दामाद की कंपनी से स्टेशनरी खरीदें और यूपी के सरकारी विभागों में सप्लाई का टेंडर उन्हें मिल जाएगा. इसके बदले दीपक सिंह ने कारोबारी संजय अग्रवाल से कोई पैसा नहीं मांगा, सिर्फ अपने दामाद को कमिशन देने की बात कही.

दीपक सिंघल 1982 बैच के आईएएस अधिकारी रह चुके हैं
संजय अग्रवाल ने पुलिस को बताया कि जब कुछ दिन बीतने के बाद काम आगे नहीं बढ़ा और मैंने इस बारे में जानकारी लेनी चाही तो दीपक अग्रवाल ने टालमटोल करना शुरू कर दिया. इसके बाद यह मामला अटका रहा. ससुर और दामाद ने ढाई करोड़ रुपए भी ले लिए थे और टेंडर भी नहीं मिला. संजय अग्रवाल ने अंत में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में दीपक सिंघल और उनके दामाद दीपक अग्रवाल के खिलाफ 2.5 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी और साजिश रचने के आरोपों में एफआईआर दर्ज कराई. दीपक सिंघल  मूलरूप से सहारनपुर के रहने वाले हैं. वह 1982 बैच के आईएएस अफसर रह चुके हैं.

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