वसीम रिजवी ने किया राम मंदिर का समर्थन, देवबंदी उलेमा बोले- 'उन्हें इलाज की है जरूरत'
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वसीम रिजवी ने किया राम मंदिर का समर्थन, देवबंदी उलेमा बोले- 'उन्हें इलाज की है जरूरत'

देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि राम मंदिर को लेकर ब्यानबाजी करने वालों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए.

मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि रिजवी दिमागी रूप से बीमार हो चुके हैं.

नई दिल्ली/सहारनपुर: शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को पत्र लिख राम मंदिर निर्माण पर सहमति बनाने की बात कहने पर सहारनपुर के देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वसीम रिजवी दिमागी रूप से बीमार हो चुके है. उन्हें किसी अच्छे हॉस्पिटल में अपना इलाज कराना चाहिए. 

मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड मुस्लिमों की रहनुमाई करता है. इसलिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड बाबरी मस्जिद के बारे में सोचेगा न की राम मंदिर के बारे में, लेकिन इस तरह की ब्यानबाजी करके आरएसएस के चमचे देश का माहौल खराब करना चाहते है. इसलिए, सुप्रीम कोर्ट को चाहिए की इस तरह की ब्यानबाजी करने वालों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई करें. 

उलेमा ने कहा कि वसीम रिजवी का हमेशा विवादित बयान होता है. वो इस तरह की बयानबाजी करके उनका मकसद यही होता है कि मुल्क का माहौल खराब हो. उन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को पत्र लिखा है और कहा है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड राम मंदिर निर्माण के बारे में विचार करें. उनको यह सोचना चाहिए कि मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड जो है मुसलमानों की नुमाइंदा तंजीम है वो मुसलमानों के बारे में बात करेगी और बाबरी मस्जिद के बारे में बात करेगी. 

मदरसा जामिया शैखुल हिन्द के मोहतमिम, मुफ्ती असद कासमी ने वसीम रिजवी पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें किसी अच्छे डॉक्टर से दिमाग का इलाज कराना चाहिए. उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि मसला सुप्रीम कोर्ट के अंदर चल रहा है, तो उनको इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट से भी अपील करूंगा कि जो मुल्क का माहौल खराब कर रहे हैं और कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं, चाहे वो सरकार के रखवाले हो या कानून के रखवाले हो या आम नागरिक हो, ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

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