कोरोना संकट के बावजूद 29 अप्रैल को ही खुलेंगे केदार धाम के कपाट, मौके पर रावल भी रहेंगे मौजूद
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कोरोना संकट के बावजूद 29 अप्रैल को ही खुलेंगे केदार धाम के कपाट, मौके पर रावल भी रहेंगे मौजूद

पौराणिक परंपराओं के अनुसार शिवरात्रि पर केदारनाथ के कपाट खोलने की तिथि पंचाग गणना के अनुसार निकाली जाती है. इस बार 29 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर कपाट खोलने का वक्त निर्धारित किया गया था. 

फाइल फोटो

रुद्रप्रयाग: विश्व विख्यात केदारनाथ के कपाट खोलने की तिथि में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. पूर्व निर्धारित समय 29 अप्रैल सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर ही धाम के कपाट खुलेंगे. मंगलवार को बाबा केदार के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में हुई बैठक में इस पर फैसला लिया गया.

केदारनाथ के वेदपाठी, पुजारी, हक-हकूकधारी और मंदिर समिति के अधिकारियों की मौजूदगी में हुई बैठक में सर्वसहमति से फैसला लिया गया कि पूर्व निर्धारित तिथि पर ही कपाट खोले जाएंगे. कपाट खुलने के मौके पर रावल भी धाम में मौजूद रहेंगे. हालांकि, कोरोना प्रोटोकॉल के तहत उत्तराखंड पहुंचने पर उन्हें होम क्वारंटाइन में रहना होगा. बैठक में निर्णय लिया गया है कि अगर रावल का स्वास्थ्य ठीक होगा तो उन्हें केदारनाथ जाने दिया जाएगा और उनकी उपस्थिति में कपाट खुलेंगे.

दरअसल, बदरीनाथ के कपाट खुलने की तिथि में परिवर्तन के बाद केदारनाथ के कपाट खोलने की तिथि में भी बदलाव किए जाने के कयास लगाये जा रहे थे. लेकिन, केदारनाथ पंडा समाज के साथ-साथ स्थानीय लोगों की ओर से इसका विरोध शुरू हो गया था. लोगों का कहना था कि अगर कपाट खोलने की तिथि में कोई परिवर्तन आता है तो केदारनाथ के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा, जो कि सीधेतौर पर पौराणिक परंपराओं और मान्यताओं के साथ खिलवाड़ होगा.

बता दें कि पौराणिक परंपराओं के अनुसार शिवरात्रि पर केदारनाथ के कपाट खोलने की तिथि पंचाग गणना के अनुसार निकाली जाती है. इस बार 29 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर कपाट खोलने का वक्त निर्धारित किया गया था. लेकिन देशभर में फैले कोरोना संक्रमण के चलते धाम के कपाट खुलने पर संशय मंडरा रहा था. लेकिन, अब बदरी-केदार मंदिर समिति के सीईओ बीडी सिंह ने साफ कर दिया है कि निर्णयानुसार तय तिथि पर ही केदारनाथ के कपाट खोले जाएंगे. इससे पहले सोमवार को कोरोना संकट को देखते हुए बदरीनाथ धाम के कपाट को 30 अप्रैल के बजाए 15 मई को खोलने का निर्णय लिया गया.

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