शुक्रवार को निजी अस्पताल में इलाज कराने के लिए जाते वक्त सतर्क रहें, क्योंकि आज कई शहरों में प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर हड़ताल पर रहने वाले हैं. इस दौरान ओपीडी और अन्य सामान्य सेवाएं बाधित रहेंगी. इस दौरान सिर्फ एमरजेंसी और कोविड सेवाएं ही चलेंगी. खास तौर पर ऑपरेशन के लिए दी गई तारीखें टल सकती हैं.
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शुक्रवार को निजी अस्पताल में इलाज कराने के लिए जाते वक्त सतर्क रहें, क्योंकि आज कई शहरों में प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर हड़ताल पर रहने वाले हैं. इस दौरान ओपीडी और अन्य सामान्य सेवाएं बाधित रहेंगी. इस दौरान सिर्फ एमरजेंसी और कोविड सेवाएं ही चलेंगी. खास तौर पर ऑपरेशन के लिए दी गई तारीखें टल सकती हैं. हड़ताल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर की गई है.
लखनऊ में 1500 निजी डॉक्टर IMA से संबद्ध
राजधानी लखनऊ के करीब 1500 प्राइवेट डॉक्टर IMA से संबद्ध हैं. ये अलग-अलग प्राइवेट अस्पतालों और पैथोलॉजी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. जहां ये डॉक्टर काम करते हैं, आज उन सभी मेडिकल सेंटर्स पर मरीजों को दिक्कत उठानी पड़ेगी. हड़ताल के चलते सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक एमरजेंसी और कोविड सेवाओं के अलावा यहां मेडिकल सुविधाएं नहीं मिलेंगी.
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प्रयागराज में भी डॉक्टर कर रहे हैं विरोध प्रदर्शन
इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन भी 12 घंटे तक स्वास्थ्य सेवाएं ठप रख रहा है. सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक निजी अस्पताल क्लीनिक में कोई काम काज नहीं होगा. एएमए ने शहर के नर्सिंग होम्स, अस्पताल और निजी क्लीनिक के समर्थन का दावा करते हुए कहा है कि इस दौरान एमरजेंसी सेवाएं और कोरोना से जुड़ी सेवाएं बहाल रखी गई हैं.
क्यों की गई है हड़ताल?
आईएमए आयुर्वेद डॉक्टरों को ब्रिज कोर्स कराकर ऑपरेशन की अनुमति देने का विरोध कर रही है. इसे लेकर देश भर में एलोपैथी से जुड़े डॉक्टर और सर्जन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. आयुष मंत्रालय के तहत आने वाले सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (सीसीआईएम) की ओर से 20 नवंबर को जारी अधिसूचना में कहा गया था कि आयुर्वेद के डॉक्टर भी अब जनरल और ऑर्थोपेडिक सर्जरी के साथ आंख, नाक, कान और गले की भी सर्जरी कर सकेंगे.
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58 तरह की सर्जरी की मंजूरी
सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (CCIM) अब आयुर्वेदिक डॉक्टरों को 58 तरह की सर्जरी करने की मंजूरी देता है जिसमें 39 जनरल सर्जरी है, जिन्हें आयुर्वेद की भाषा में 'शल्य' कहा जाता है और 19 तरह की सर्जरी आंख, नाक, कान और गला से जुड़ी है, जिसे 'शालक्य' कहा जाता है. विवाद इसी फैसले को लेकर है.
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