डॉक्टर बताते हैं कि जब कोई COVID-19 संक्रमित मरीज किसी स्वस्थ व्यक्ति के पास 1 मीटर ससे कम दूरी पर खड़ा होता है, तो वायरस हवा के रास्ते मुंह, नाक और आंख के पास पहुंच जाता है. इस स्थिति में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए आंखों को भी संक्रमण से बचाना उतना ही जरूरी है, जितना मुंह, नाक और शरीर की त्वचा को.
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गौतमबुद्ध नगर: कोरोना वायरस से बचाव करने के लिए अगर आप महज मास्क से अपना मुंह और नाक ढकते हैं, तो ये खबर आपके लिए ही है. डॉक्टर्स का कहना है कि सिर्फ मुंह पर मास्क लगाना पर्याप्त नहीं है. अगर कोरोना संक्रमित व्यक्ति के 1 मीटर से कम दूरी पर आप खड़े हैं, तो आंखों से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है.
आंखों पर चश्मा लगाने में है भलाई
ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. आशुतोष निरंजन ने बताया है कि मुंह और नाक के आलावा आंखों को भी सुरक्षित रखना बेहद जरुरी है. ऐसे में हर इंसान को चश्मा पहनना चाहिए, ताकि आंखें संक्रमण से बच सकें. डॉक्टर बताते हैं कि जब कोई COVID-19 संक्रमित मरीज किसी स्वस्थ व्यक्ति के पास 1 मीटर ससे कम दूरी पर खड़ा होता है, तो वायरस हवा के रास्ते मुंह, नाक और आंख के पास पहुंच जाता है. इस स्थिति में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए आंखों को भी संक्रमण से बचाना उतना ही जरूरी है, जितना मुंह, नाक और शरीर की त्वचा को. डॉक्टर सलाह देते हैं कि सार्वजनिक जगहों पर जाते समय हर किसी को चश्मा लगाना बेहद जरूरी है. चाहे वो नज़र का चश्मा हो, या फिर धूप से बचने का चश्मा.
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कोरोना वायरस दे सकता है सबस्यूट थायरॉयडिटिस
कोरोना वायरस को लेकर लगातार रिसर्च चल रहे हैं. इसी बीच द जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित एक नए मामले के अध्ययन के अनुसार कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित हुए रोगियों को एक सूजन संबंधी बीमारी 'सबस्यूट थायरॉयडिटिस' (Thyroid) हो सकती है. ये बात नए शोध में सामने आई है. शोधकर्ताओं ने बताया कि सबस्यूट थायरॉयडिटिस एक सूजन थायरॉयड रोग है. इसकी विशेषता है कि इसके चलते गर्दन में दर्द होता है और यह आमतौर पर एक अपर रेस्पिरेट्री ट्रैक्ट संक्रमण के चलते होता है. कोरोना संक्रमण के लक्षणों या फिर पोस्ट इफेक्ट इस बीमारी के तौर पर हो सकता है.
हल्दी हराएगी कोरोना को
मेडिकल साइंस में हल्दी को भी कोरोना से लड़ने में कारगर माना जा रहा है. मार्च महीने में कोरोना वायरस ने जब यूरोपीय और पश्चिम एशिया के देशों में कहर बरपाना शुरू हुआ तो अचानक हिन्दुस्तान के पारंपरिक खान-पान में सदियों से शामिल हल्दी की मांग अचानक उन देशों में अचानक बढ़ गई. माना जा रहा है कि हल्दी के सेवन से कोरोना बीमारी से बचा जा सकता है और अगर इंफेक्शन हो भी गया है, तो इलाज में हल्दी से काफी हद तक मदद मिल सकती है.
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