'मेट्रो मैन' श्रीधरन ने दिया इस्तीफा, स्वास्थ्य कारणों का दिया हवाला
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'मेट्रो मैन' श्रीधरन ने दिया इस्तीफा, स्वास्थ्य कारणों का दिया हवाला

हाल ही में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के दिल्ली मेट्रो में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा के प्रस्ताव को श्रीधरन ने दिल्ली सरकार का एक ‘चुनावी पैंतरा’ बताया था.

श्रीधरन के इस्तीफे को एलएमआरसी ने स्वीकार कर उत्तर प्रदेश सरकार के पास भेजा है.

नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के पूर्व प्रमुख और ‘मेट्रो मैन’ के नाम से मशहूर ई श्रीधरन ने लखनऊ मेट्रो से इस्तीफा दे दिया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, एलएमआरसी के एमडी कुमार केशव ने उनका इस्तीफा मंजूरी के लिए राज्य सरकार के पास भेज दिया है. बताया जा रहा है कि पदम विभूषण से सम्मानित ई श्रीधरन ने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए इस्तीफा देने की पेशकश की थी. श्रीधरन के इस्तीफे को एलएमआरसी ने स्वीकार कर उत्तर प्रदेश सरकार के पास भेजा है.

वहीं, खबर मिली है कि लखनऊ मेट्रो के मजबूत स्तम्भ माने जाने वाले निदेशक रोलिंग स्टॉक महेन्द्र कुमार भी 30 जून को लखनऊ मेट्रो छोड़ देंगे. बता दें कि हाल ही में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के दिल्ली मेट्रो में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा के प्रस्ताव को श्रीधरन ने दिल्ली सरकार का एक ‘चुनावी पैंतरा’ बताया था. उन्होंने केजरीवाल सरकार से चुनावी फायदे के लिए इस कुशल और सफल सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को ‘बर्बाद नहीं’ करने का अनुरोध किया.

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को लिखे एक पत्र में श्रीधरन ने कहा था कि मुफ्त यात्रा से अधिक भीड़भाड़ होगी और हादसे होने की आशंका पैदा होगी. श्रीधरन ने 20 जून की तिथि को सिसोदिया को लिखे पत्र में यह बात कहीं. इससे कुछ दिन पहले आप नेता ने श्रीधरन को पत्र लिखकर आप सरकार की योजना को लेकर उनके विरोध पर ‘आश्चर्य’ जताया था.

'...तो समाज के दूसरे वर्गों का क्या होगा' 
उन्होंने पत्र में कहा था, ‘मैं आप की योजना का विरोध नहीं कर रहा हूं. मैं मेट्रो में केवल मुफ्त यात्रा के विचार पर आपत्ति कर रहा हूं. अगर महिलाओं को मुफ्त यात्रा की अनुमति दी गई तो समाज के दूसरे वर्गों का क्या होगा जैसे कि छात्र, दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिक जो कि इसके ज्यादा हकदार हैं.’ डीएमआरसी के प्रधान सलाहकार ने कहा कि दुनिया में कोई भी मेट्रो महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा नहीं देती है. 

उन्होंने पत्र में लिखा था कि दिल्ली सरकार द्वारा डीएमआरसी को दिये जाने वाला कोई भी मुआवजा ‘कर-दाताओं’ का पैसा है और एक कर दाता को यह सवाल करने का अधिकार है कि केवल महिलाओं को ही मुफ्त यात्रा की सुविधा क्यों दी जा रही है.

खत में और क्या लिखा श्रीधरन ने?
श्रीधरन ने पत्र में आरोप लगाया था, ‘हर कोई जानता है कि यह अगले विधानसभा चुनाव में महिलाओं के वोट हासिल करने का एक चुनावी पैंतरा है.’ उन्होंने पत्र में कहा था, ‘मैं आपकी सरकार से चुनावी फायदे के लिए दिल्ली मेट्रो जैसी इस कुशल और सफल सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को बर्बाद नहीं करने की अपील करता हूं.’

सिसोदिया ने डीएमआरसी के पूर्व प्रमुख को लिखे पत्र में उनसे अपने रूख पर फिर से विचार करने के साथ कहा था कि वह (श्रीधरन) आप सरकार के इस प्रगतिशील कदम को आगे बढ़ाने के लिए ‘आशीर्वाद’ दें. इससे पहले आप सरकार की इस प्रस्तावित योजना का विरोध करते हुए श्रीधरन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस प्रस्ताव पर सहमत नहीं होने का आग्रह किया था.

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