ईदगाह में मास्क और सोशल डिस्टेंसिग के साथ नमाज पढ़ी गई. मस्जिदों में इस बीमारी से निजात पाने के लिए दुआएं की गई. शहर की सभी मस्जिदों में गाइडलाइन के साथ नमाज पढ़ी गई.
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वेदेन्द्र प्रताप शर्मा/आजमगढ़: ईद-उल-अजहा (बकरीद) आज मनाया जा रहा है. हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम की याद में ईद-उल-अजहा का त्योहार अकीदत के साथ आज नमाज अदा कर मनाया जा रहा है. कोविड प्रोटोकाल को देखते हुए प्रात: बकरीद की नमाज मुस्लिम समाज के लोगों ने 50-50 की संख्या ईदगाह और मस्जिदों में अदा कर कोरोना महामारी के खात्मे और देश के अमन चैन की दुआ मांगी.
तीन दिनों तक मनाया जाता यह त्योहार
यह त्योहार तीन दिनों तक मनाया जाता है. तीन दिन कुर्बानी कराए जाने का सिलसिला जारी रहता है. कई लोगों ने अपने-अपने घरो में ही नमाज पढ़ी. कोरोना संक्रमण के कारण सरकार द्वारा जारी की गई गाइड लाइन के अनुसार बकरीद की नमाज मस्जिदों में पालन कराने के लिए पुलिस और प्रशासन मुस्तैद नजर आई.
सोशल डिस्टेंसिग के साथ नमाज पढ़ी गई
ईदगाह में मास्क और सोशल डिस्टेंसिग के साथ नमाज पढ़ी गई. मस्जिदों में इस बीमारी से निजात पाने के लिए दुआएं की गई. शहर की सभी मस्जिदों में कोविड गाइडलाइन के साथ नमाज पढ़ी गई.
रमजान के दो महीने बाद कुर्बानी का त्योहार बकरीद मनाया जाता
इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक रमजान के दो महीने बाद कुर्बानी का त्योहार बकरीद मनाया जाता है. बकरीद के त्योहार को कुर्बानी के दिन के रूप में भी याद किया जाता है. इस धार्मिक प्रक्रिया को फर्ज-ए-कुर्बान कहा जाता है. इस खास मौके पर ईदगाहों और प्रमुख मस्जिदों में ईद-उल-अजहा की विशेष नमाज अदा की जाती है.
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