यूपी में महंगी बिजली का झटका, ट्विटर पर मायावती और श्रीकांत शर्मा भिड़े
बिजली की बढ़ी दरों में सभी श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं पर असर पड़ेगा. उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने दो वर्षों बाद बिजली की दरों में इजाफा किया है. इससे पहले बिजली दरें वर्ष 2017 में बढ़ाई गई थीं.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की जनता को महंगाई के इस दौर में अब अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी, क्योंकि राज्य में बिजली की दरें महंगी हो गईं हैं. नियामक आयोग ने मंगलवार को नई दरों का ऐलान कर दिया है, जिसको लेकर बसपा और भाजपा आमने सामने आ गई हैं. बिजली की बढ़ी दरों में सभी श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं पर असर पड़ेगा. उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने दो वर्षों बाद बिजली की दरों में इजाफा किया है. इससे पहले बिजली दरें वर्ष 2017 में बढ़ाई गई थीं.
जानिए कितनी बढ़ी दरें और कितना पड़ेगा इसका असर-:
- नए टैरिफ में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरें अधिकतम 60 पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ाई गई हैं और घरेलू उपभोक्ताओं के लिए आठ से 12 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई है. प्रति यूनिट 60 पैसा तक रेट बढ़ गए हैं. दो किलोवाट के एक उपभोक्ता, जो प्रतिमाह 200 यूनिट तक उपयोग कर रहे हैं. उन्हें अब प्रतिमाह 101 रुपये ज्यादा खर्च करने होंगे.
- किसानों की भी बिजली 15 फीसदी महंगी हो गई है. किसानों पर भी बिजली दरों का बोझ बढ़ गया है. ग्रामीण कृषि श्रेणी के उपभोक्ताओं को पहले से 15 फीसदी अधिक बिजली बिल देना पड़ेगा. अब इन्हें 50 रुपये फिक्स चार्ज और तीन रुपये प्रति यूनिट (100 यूनिट तक) लगेगा जो अभी तक नहीं लगता था.
- अनमीटर्ड उपभोक्ताओं की दरें में इजाफा करते हुए इसे 100 रुपये प्रतिमाह तक बढ़ा दिया गया है. अनमीटर्ड उपभोक्ताओं की दरें भी 400 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिमाह कर दी गई हैं.
- औद्योगिक उपभोक्ताओं में पांच से 10 फीसदी दाम बढ़ाए गए हैं. इन्हें अब प्रति यूनिट 30 पैसे अधिक देने होंगे. उद्योगों को गर्मियों में सुबह और सर्दियों के मौसम में रात में बिजली उपयोग करने पर 15 फीसदी तक छूट मिलेगी.
- इन दरों में प्रीपेड मीटर वालों को सहूलियत दी गई है और टैरिफ पर दो फीसदी तक की छूट मिल सकेगी जो अभी यह 1.25 फीसदी थी.
- अस्थायी कनेक्शन लेने पर भी अब पहले से 500 से 700 अधिक दाम चुकाने पड़ेंगे.
बिजली की दरों पर सपा और बसपा आमने सामने
उत्तर प्रदेश बीजेपी सरकार द्वारा बिजली की दरों को बढ़ाने को मंजूरी देना पूरी तरह से जनविरोधी फैसला है। इससे प्रदेश की करोड़ों खासकर मेहनतकश जनता पर महंगाई का और ज्यादा बोझ बढे़गा व उनका जीवन और भी अधिक त्रस्त व कष्टदायी होगा। सरकार इसपर तुरन्त पुनर्विचार करे तो यह बेहतर होगा।
— Mayawati (@Mayawati) September 3, 2019
बहन @Mayawati जी ये सपा-बसपा के पाप रहे कि भ्रष्टाचार बढ़ता गया और बिजली कंपनियां भारी घाटे में चली गईं। सपा-बसपा के कार्यकाल में सिर्फ दरें बढ़ती थीं। भाजपा के कार्यकाल में दरें कम और बिजली आपूर्ति के घंटे ज्यादा बढ़े हैं। (1/4) @BJP4India @UPGovt
— Shrikant Sharma (@ptshrikant) September 3, 2019
यूपी में बिजली की नई दरों पर बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट करके यूपी सरकार को घेरते हुए कहा कि इस महंगाई से जनता पर बोझ बढ़ेगा, जिसपर यूपी सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि ये सपा-बसपा के पाप रहे कि भ्रष्टाचार बढ़ता गया और बिजली कंपनियां भारी घाटे में चली गईं. सपा-बसपा के कार्यकाल में सिर्फ दरें बढ़ती थीं. भाजपा के कार्यकाल में दरें कम और बिजली आपूर्ति के घंटे ज्यादा बढ़े हैं.
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