19 फ़रवरी को होने वाली इस बैठक में राम मंदिर निर्माण की रूपरेखा तय की जाएगी और सभी की ज़िम्मेदारियां भी बांटी जाएंगी. 18 फ़रवरी को ट्रस्ट के सभी सदस्य दिल्ली पहुंच जाएंगे.
Trending Photos
नई दिल्ली : अयोध्या (Ayodhya) में भव्य राम मंदिर (Ram Mandir) का सपना अब जल्द साकार होने वाला है. राम मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट की पहली बैठक 19 फ़रवरी को दिल्ली में होगी. इस बैठक में 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' (Shri Ram Janmabhoomi Tirthkshetra Trust) के सभी सदस्य मौजूद रहेंगे. ट्रस्ट की पहली बैठक में 2 अन्य वरिष्ठ सदस्यों का चुनाव होगा. वहीं इसी पहली बैठक में राम मंदिर निर्माण की तारीख़ भी तय होगी.
ट्रस्ट की पहली बैठक में अध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष चयन पर भी चर्चा होगी. सूत्र बता रहे हैं कि श्रीराम जन्मभूमि न्यास समिति के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास को राम मंदिर ट्रस्ट में अहम ज़िम्मेदारी दी जाएगी. वहीं विहिप के चंपत राय भी ट्रस्ट में शामिल किए जा सकते हैं.
19 फ़रवरी को होने वाली इस बैठक में राम मंदिर निर्माण की रूपरेखा तय की जाएगी और सभी की ज़िम्मेदारियां भी बांटी जाएंगी. 18 फ़रवरी को ट्रस्ट के सभी सदस्य दिल्ली पहुंच जाएंगे.
Zee News से Exclusive बातचीत में ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा कि 2022 तक राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इसी मिशन को आगे कैसे बढ़ाया जाए, इस पर ट्रस्ट की पहली बैठक में विस्तार से चर्चा की जाएगी. कामेश्वर चौपाल ने कहा कि 24 महीने में ही भव्य राम मंदिर बनाया जाएगा और राम मंदिर के शिलान्यास के लिए ट्रस्ट पीएम मोदी को आमंत्रित करेगा.
ये वीडियो भी देखें:
वहीं, राम मंदिर की दिव्यता और भव्यता पर बात करते हुए कामेश्वर चौपाल ने बताया कि 67 एकड़ ज़मीन का सबसे पहले समतलीकरण कराया जाएगा. श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने यह भी दावा किया कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के लिए 67 एकड़ ज़मीन कम पड़ सकती है और इसके लिए अधिक ज़मीन की आवश्यकता होगी.
कामेश्वर चौपाल ने कहा कि गगनचुंबी और सबसे दिव्य मंदिर अयोध्या में प्रभु श्री राम का बनाया जाएगा. Zee News से बातचीत में कहा कि ट्रस्ट अपनी पहली बैठक में इस बात पर विचार करेगा कि क्या जब तक राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा नहीं होता है, तब तक रामलला जहां विराजमान हैं, वहां से टैंट हटाकर अस्थाई तौर पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाए.
अब आपको ये भी जानना ज़रूरी है कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में सदस्य बनाए गए कामेश्वर चौपाल का राम मंदिर से पुराना नाता है. दरअसल 9 नवंबर 1989 को कामेश्वर चौपाल ने सबसे पहले अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास किया था और उस वक़्त केन्द्र में राजीव गांधी का सरकार थी. राम मंदिर के लिए पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल मूल रूप से बिहार के सुपौल के रहने वाले हैं. दलित समाज से आने वाले कामेश्वर चौपाल ने कहा कि अब जब तक राम का काम पूरा नहीं होता है, तब तक हम घर वापिस नहीं जाएँगे.
कुल मिलाकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन के बाद राम मंदिर निर्माण की तैयारियाँ तेज़ हो गई हैं. पहली बैठक में राम मंदिर निर्माण को लेकर कई अहम फ़ैसले लिए जाएँगे और उम्मीद यही जताई जा रही है कि अब 2 साल में ही रामभक्त अयोध्या में भव्य राम मंदिर के साक्षी बनेंगे.
कौन हैं कामेश्वर चौपाल...
- 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' ट्रस्ट के सदस्य
- अयोध्या में राम मंदिर की पहली शिला रखी थी
- नवंबर 1989 को राम मंदिर की पहली शिला रखी थी
- 1984 में विश्व हिंदू परिषद से जुड़े, बाद में बीजेपी में शामिल हुए
- मूल रूप से बिहार के सुपौल ज़िले के निवासी
- 1991 में रोसड़ा लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार बने
- 2002 में वो बिहार विधान परिषद के सदस्य बने
- 2014 में सुपौल लोकसभा सीट से चुनाव लड़े
'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' ट्रस्ट के सदस्य
के. पाराशरण
अयोध्या मामले में हिंदू पक्ष के वकील
सबरीमाला मामले में भगवान अय्यप्पा के वकील रहे
पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित हैं
स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती
ज्योतिर्पीठ के शंकराचार्य
मध्वाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ
पेजावर मठ के पीठाधीश्वर
युगपुरुष परमानंद महाराज
अखंड आश्रम हरिद्वार के प्रमुख
स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज
रामकथा वाचक
विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा
अयोध्या राज परिवार के वंशज
कामेश्वर चौपाल
पहले कारसेवक
महंत दिनेंद्र दास
निर्मोही अखाड़ा प्रतिनिधि
अनिल मिश्रा
पेशे से होम्योपैथी के डॉक्टर हैं
राम मंदिर आंदोलन और RSS से जुड़े रहे हैं