पहले की देश की सेवा, अब बदल रहा है गांव की तकदीर, जानिए पूर्व सैनिक का जल संरक्षण मॉडल
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पहले की देश की सेवा, अब बदल रहा है गांव की तकदीर, जानिए पूर्व सैनिक का जल संरक्षण मॉडल

देश की सेवा में मोर्चा संभालने वाले सल्टौआ गोपालपुर विकास खंड के दसिया निवासी पूर्व सैनिक राजकुमार चौहान ने गांव में जल संरक्षण की कमान संभाली है. उन्होंने 15 बीघा जमीन में तालाब खुदवाया है. उन्होंने जल संरक्षण ही नहीं पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा दिया है. 

सांकेतिक तस्वीर

बस्ती: जहां एक तरफ पूरी दुनिया इस समय जल संकट से जूझ रही है. वहीं एक शख्स ऐसा भी है जिसे जल संरक्षण की चिंता सता रही है. दरअसल सल्टौआ गोपालपुर विकास खंड के दसिया निवासी पूर्व सैनिक राजकुमार चौहान का मानना है कि समय रहते अगर जल बचाव की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो यकीनन आने वाले समय में जल संकट बढ़ जाएगा. जिसका सीधा असर आम जन-जीवन पर पड़ेगा. 

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पूर्व सैनिक ने तैयार किया जल संरक्षण मॉडल
राजकुमार चौहान ने गांव में जल संरक्षण की कमान संभाली है. उन्होंने 15 बीघा जमीन में तालाब खुदवाया है. उन्होंने जल संरक्षण ही नहीं पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा दिया है. उन्होंने तालाब के चारों तरफ फलदार और छायादार पौधे लगाए हैं. 

राजकुमार का मकसद लोगों को इसके महत्व के बारे में बताना और इसके जरिये पैसा कमाना भी है. उनकी इस पहल को गांव के लोग सराह रहे हैं तो कई लोग इस राह पर चलना चाहते हैं.

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18 साल पहले शुरू किया था कार्य
सेना से रिटायर होने के बाद साल 2002 से ही राजकुमार जलसंरक्षण की दिशा में कार्य कर रहें हैं. उनका कहना है कि बढ़ते जल संकट के बीच उत्पन्न होने वाले खतरे से निपटने के लिए सचेत होना होगा. उन्होंने भी इसी सोच के साथ 15 बीघा जमीन में पोखरा खुदवाकर जल संरक्षण करना शुरू किया था. उनकी माने तो 18 वर्ष पहले शुरू किया गया यह कार्य वर्तमान में गांव में कम होते जलस्तर को बचाने में सहायक साबित हो रहा है.

हर साल होती है 4 लाख रुपये की आमदनी
राजकुमार ने बताया कि वह हर साल तालाब में मछली पालन करते हैं, जिससे चार लाख रुपये की आमदनी भी हो जाती है. उनका कहना है कि सभी को अपने घर, खेत के अगल-बगल जल संरक्षण करने की पहल करनी होगी.

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