गौतमबुद्ध नगर: Weekend Lockdown से COVID-19 संक्रमण से कहीं ज्यादा सुधर रहा है जिले में प्रदूषण स्तर
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गौतमबुद्ध नगर: Weekend Lockdown से COVID-19 संक्रमण से कहीं ज्यादा सुधर रहा है जिले में प्रदूषण स्तर

देश में सबसे प्रदूषित रहने वाले टॉप-10 शहरों में शुमार नोएडा का AQI वर्तमान में 48 है, जबकि लॉकडाउन से पहले इसकी सूई 400 के ऊपर टिकी रहती थी. 

सांकेतिक तस्वीर

गौतमबुद्ध नगर: देश भर में रहे लॉक डाउन के दौरान जहां प्रदूषण से लोगो को निजात मिली है वहीं मृतप्राय नदियां भी जीवित हो उठीं. अब प्रदेश में साप्ताहिक बंदी की वजह से वातावरण को सांस लेने का मौका मिल रहा है. प्रदूषण नियंत्रण विभाग का कहना है कि लॉक डाउन से पहले जंहा गौतमबुद्ध नगर का AQI हमेशा अधिकतर 400 के पार ही रहता था, वो अब 100 के नीचे बना हुआ है. यानि शहर की हवा सांस लेने के लिए कहीं बेहतर हो चुकी है. 

सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार नोएडा का AQI मात्र 48
देश में सबसे प्रदूषित रहने वाले टॉप-10 शहरों में शुमार नोएडा का AQI वर्तमान में 48 है, जबकि लॉकडाउन से पहले इसकी सूई 400 के ऊपर टिकी रहती थी. आसमान से छाए स्मॉग से लोगों की आंखों में जलन और जहरीली हवा से सांस लेने की तकलीफ बनी रहती थी. लेकिन अब हालात बदले हुए नजर आ रहे हैं. सेक्टर 116 में AQI 48 है, सेक्टर 62 में 92 और सेक्टर 1 में 95 है. ये सभी शहर के औद्योगिक इलाके हैं. 

प्रदूषण नियंत्रण विभाग की उम्मीदें जागीं
कोरोना से पूर्व प्रदूषण जिले की मुख्य समस्याओं में से एक था. हवा में घुले प्रदूषण को कम करने के लिए विभाग ने वर्ष 2019-20 में औद्योगिक इकाइयां, गांव, सेक्टर और सोसायटीज में अभियान चलाकर 5 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया था. फिर भी तमाम मेहनत व कार्रवाई बेकार ही साबित हो रही थी. लॉकडाउन खत्म होने के बाद प्रदूषण की चिंता लोगों को सताने लगी तो अब प्रदेश में हुई साप्ताहिक बंदी ने फिर उम्मीदें जिंदा कर दी हैं.

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जिले के प्रदूषण विभाग ने बंदी में भी चालू औद्योगिक इकाइयों को ईंधन और कई उपकरणों के रख-रखाव के साथ-साथ तकनीकी मेंटिनेंस स्टेबलाइजेशन दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं. साप्ताहिक बंदी में किस तरह से प्रदूषण को इसी स्थिति में रखा जा सकता है, इसके लिए भी कार्ययोजना तैयार कर ली है, ताकि शहर की हवा आगे भी सांस के मरीजों के लिए घातक न बन जाए. 

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