मेट्रो से जोड़ने में पूरे दिल्ली-एनसीआर से आने वाले लोग आसानी से यहां आ सकेंगे. इसको बनाने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने टेंडर जारी कर दिया है और सितंबर महीने के अंत तक काम शुरू होने की उम्मीद है. प्राधिकरण दो साल के अंदर निर्माण कार्य पूरा कर लेना चाहता है.
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गौतमबुद्ध नगर: गौतमबुद्ध नगर में सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए नोएडा प्राधिकरण सेक्टर-94 में हेबीटेट एंड कन्वेंशन सेंटर बनाने जा रहा है. ये कंवेंशन सेंटर दिल्ली-NCR ही नहीं देश का सबसे बड़ा कंवेंशन सेंटर होगा. नोएडा विकास प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक हैबिटेट सेंटर की बिल्डिंग ग्रीन कांसेप्ट पर बनाई जाएगी. इस इमारत से जीरो सीवरेज होगा जबकि अपने लिए बिजली का निर्माण भी ये खुद ही करेगा. हैबिटेट सेंटर की पूरी इमारत प्रदूषण को बढ़ावा नहीं देगी, इसके लिए गैस जनरेटर और सोलर पावर प्लांट लगाया जाएगा. लोगों की आवाजाही को बढ़ावा देने के लिए इसे सीधे ओखला पक्षी विहार मेट्रो स्टेशन से सीधा जोड़ा जाएगा.
मेट्रो से जोड़ने में पूरे दिल्ली-एनसीआर से आने वाले लोग आसानी से यहां आ सकेंगे. इसको बनाने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने टेंडर जारी कर दिया है और सितंबर महीने के अंत तक काम शुरू होने की उम्मीद है. प्राधिकरण दो साल के अंदर निर्माण कार्य पूरा कर लेना चाहता है. अधिकारियों के मुताबिक हेबीटेट सेंटर 1,980 वर्ग मीटर और कन्वेंशन सेंटर 42,766 वर्ग मीटर में बनाया जाएगा. हेबीटेट सेंटर 31 मंजिल होगा और इसमें 3 बेसमेंट होंगे. इसमें हेबीटेट ब्लॉक में पार्किंग, फूड कोर्ट, आर्ट गैलरी, वर्कशॉप, वेटिंग लॉन, जिम, स्वीमिंग पूल की सुविधा होगी. कन्वेंशन ब्लॉक में भी पार्किंग के अलावा बैक्वेंट हॉल, ऑडिटोरियम, कान्फ्रेंस हॉल, ओपन लॉन की सुविधा होगी.
कंवेंशन सेंटर में सुविधाएं बेहिसाब
हैबिटेट एंड कन्वेंशन सेंटर में सिविल, विद्युत, जल आदि सुविधाओं का विकास करने के लिए 684 करोड़ रुपए नोएडा प्राधिकरण खर्च करेगा. इसमें से सिविल वर्क पर करीब 433 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इसमें सभी जगह LED लाइट का प्रयोग किया जाएगा. परिसर में 0.5 मेगावाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट लगाया जाएगा. एसटीपी, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए चार्जिंग स्टेशन भी बनाए जाएंगे.
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रेस्टोरेंट और होटल ब्लॉक के लिए सोलर वाटर हीटर, सोलर वाटर गीजर का प्रावधान रखा गया है. इसमें पूरे सीवरेज का शोधन करके पानी का परिसर में ही प्रयोग किया जाएगा. इसके लिए एसटीपी लगाया जाएगा. इससे ताजे पानी की मांग काफी कम रहेगी. यहां पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का भी प्लांट लगेगा.
डिजाइन और ड्राइंग का काम पूरा, टेंडर जारी किए गए
इस परियोजना के डिजाइन और ड्रॉइंग का काम पूरा करके टेंडर जारी कर दिए गए हैं. इच्छुक कंपनियों को 21 दिन के अंदर इस परियोजना के लिए आवेदन करना होगा. परियोजना के तैयार होने पर इसको संचालित करने के लिए एजेंसी का चयन किया जाएगा.
बिल्डिंग की ऊंचाई 143 मीटर से अधिक होगी
यहां बनने वाली इमारत की ऊंचाई 143 मीटर से ऊंची होगी. दिल्ली और आने वाले समय में जेवर एयरपोर्ट को देखते हुए हाइट क्लियरेंस लिए भारतीय विमानापत्तनम प्राधिकरण से अनापत्ति पत्र लेने के लिए आवेदन कर दिया गया है. इस परियोजना में दो मंजिला पार्किंग होगी. यहां पर 7,158 वाहन खड़े किए जा सकेंगे. यहां ऑटोमेटिक स्मार्ट पार्किंग बनाई जाएगी. लोग ऐप के जरिए पार्किंग में खाली स्थान देख सकते हैं. इलेक्ट्रॉनिक डिस्पले भी लगाए जाएंगे.
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