नोएडा का नामी अस्पताल किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट की जांच के घेरे में, अस्पताल प्रशासन से हुई कई घंटे पूछताछ
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2347991

नोएडा का नामी अस्पताल किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट की जांच के घेरे में, अस्पताल प्रशासन से हुई कई घंटे पूछताछ

Kidney Transplant Racket: अवैध रूप से करीब 100 किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले रैकेट की जांच में नोएडा के एक नामी अस्पताल का नाम आने के बाद नोएड प्रशासन एक्शन में आ गया है. क्राइम ब्रांच और नोएडा जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने अस्पताल प्रशासन से करीब दो घंटे पूछताछ की.

नोएडा का नामी अस्पताल किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट की जांच के घेरे में, अस्पताल प्रशासन से हुई कई घंटे पूछताछ

Kidney Transplant Racket: पिछले कई दिनों से लगातार सुर्खियों में रहने वाले किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट की जांच में नोएडा के नामी अस्पताल का नाम भी सामने आ रहा है. जिसके बाद नोए़डा जिला प्रशासन भी एक्शन में आ गया है. क्राइम ब्रांच और जिला प्रशासन की टीम की 5 सदस्यीय टीम ग्रेटर नोएड स्थित एक नामी अस्पताल में पंहुंची और किडनी रैकेट को लेकर सघन पूछताछ की. पांच सदस्यीय टीम ने यहां अस्पताल प्रशासन से करीब 2 घंटे तक पूछताछ की. 

नोएडा अस्पताल में हुए कितने ट्रांसप्लांट
जानकारी के मुताबिक नोएडा के अकेले इसी अस्पताल में करीब 20 किडनी का ट्रांसप्लांट किया गया. लेकिन अभी कभी केवल 10 के करीब प्रत्यारोपड़ की जांच हो पाई है. क्राइम ब्रांच की टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि डोनर और रिसीवर के बीच एग्रीमेंट में अस्पताल प्रशासन की किस हद तक भूमिका रही. 

ये भी पढ़ें: कांवड़ को लेकर नोएडा में ट्रैफ‍िक डायवर्जन, जानें कौन-कौन से रास्ते किए गए बंद

किडनी रैकेट की जांच का दायरा बढ़ा

किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट की जांच में नोएडा के एक बडे़ अस्पताल का नाम आने पर नोएडा जिला प्रशासन सकते में है. मामले की जांच का दायरा बढ़ाने के लिए शासन स्तर पर 5 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. इस टीम में ADM F/R, CMO, DCP, मेडीकल कॉलेज के प्रिंसिपल और GIMS हॉस्पिटल के डॉक्टर शामिल हैं. क्राइम ब्रांच और जिला प्रशासन की टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ट्रांसप्लांट के लिए गाइडलाइंस का अनुपालन हुआ या नहीं. 

अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का खुलासा
बता दें कि किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले गिरोह के सदस्य बांग्ला देश जैसे पड़ोसी देशों के डायलेसिस सेंटरों पर मरीजों और उनके परिजनों से संपर्क करते थे और उन्हें बहला फुसलाकर भारत लाते थे. यहां वो फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर किडनी ट्रांसप्लांट कराते थे. जांच टीम को गिरफ्तारियों के दौरान ऐसे मरीजों के फर्जी दस्तावेज भी मिले हैं. 

ये भी पढ़ें:  नोएडा के नामी बैंक से 16 करोड़ की चोरी, 84 बार में निकाली खाताधारकों को गाढ़ी कमाई

 

Trending news