Loni Ghaziabad History: दिल्ली का लोनी बॉर्डर, नाम तो शायद आपने सुना ही होगा. दिल्ली से लगने वाली उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सीमाओं में यह उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद का एक ऐसा इलाका है जो शायद सबसे पिछड़ा हुआ है मगर इसका इतिहास बहुत रोचक और समृद्धशाली रहा है. आइये चलते हैं लोनी के इतिहास की सैर पर.
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History of Loni Ghaziabad: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के लोनी के बागराणप गांव में लोनी के ऐतिहासिक होने के ढेरों सबूत हैं. इस गांव में मुगल कालीन किले के अवशेष मिले हैं. यहां बनी लखोरी ईंटें और पत्थरों की दीवार खुद इस क्षेत्र के ऐतिहासिक होने की दास्तां बयां करती हैं. यहां प्राप्त हुई ईंटों की चौड़ाई 4 से 5 फीट पाई गई. एक बार जब तालाब की खुदाई हुई तो तालाब के फर्श पर कुछ पत्थर भी मिले. इन पत्थरों पर ओ३म् और स्वास्तिक के निशान बने हुए थे.
किसने बसाया लोनी
लोग बताते हैं कि लोनी को लोनकरण नाम के एक राजा ने बसाया था. उसने यहां एक किले का निर्माण भी कराया था. 1789 ई. तक वो किला मौजूद भी था मगर अब उसके कुछ अवशेष ही बचे हैं. इस किले के पीछे करीब 800 बीघे का एक तालाब हुआ करता था. तालाब के दोनों तरफ मीनार खड़ी थीं जो आज भी मौजूद हैं, इस तालाब के चारों तरफ विशाल पत्थरों की दीवार थी जिसके अवशेष अभी भी मौजूद हैं.
हड़प्पा संस्कृति जैसे मिले सबूत!
बागराणप गांव के पूर्व सभासद आदेश कश्यप ने बताया कि एक बार जब यहां एक सेफ्टी टैंक के लिए खुदाई हो रही थी तो खुदाई में एक सीवर लाइन मिली यह सीवर लाइन हड़प्पा संस्कृति के अवशेषों जैसी ही थी. इस सीवर लाइन को गमले जैसे मिट्टी के गिलास से जोड़कर बनाया गया था.
इतिहास में दर्ज जानकारी के मुताबिक वर्ष 1313 में सुल्तान मोहम्मद बिन तुगलक के शासन के दौरान यह पूरा क्षेत्र एक विशाल युद्ध क्षेत्र बन गया था. इसी काल में तैमूर ने किले पर हमला किया था.
तैमूर ने किया नरसंहार
जानकारी के अनुसार 1398 ई. में तैमूरलंग ने लोनी पर आक्रमण किया था तो यहां लोग खूंखार तैमूर के आगे झुके नहीं बल्कि उन्होंने मुकाबला करने का फैसला कर लिया तो तैमूर ने 10, 000 लोगों की हत्या कर उनके सिर एक जगह पर इकट्ठे कर दिए थे. कहा जाता है कि इन सिरों का टीला इतना ऊंचा हो गया था कि यहां से बागराणप का किला दिखाई देता था.
मुगल काल के दौरान भी लोनी का बहुत महत्व बढ़ गया था, क्योंकि मुगल राजा यहां शिकार और सैर-सपाटे के लिए आया करते थे. कुछ और शोधों में यह भी स्पष्ट हुआ है कि इस क्षेत्र में सात युद्ध लड़े गए थे. चौथी शताब्दी में कोट युद्ध लोनी में तैमूर और भारतीय योद्धाओं के बीच लाजपुर में लड़ा गया था.
महाराणा प्रताप से जुड़ा किस्सा
लोनी का एक किस्सा महाराणा प्रताप से भी जुड़ा हुआ है. जानकारी के मुताबिक इस इलाके में कई बाग हुआ करते थे, तब एक बार युद्ध के लिए जाते हुए महाराणा प्रताप यहां रुके थे तभी से इस गांव का नाम बागराणप पर रखा गया.
बागराणप की दंत कथाएं
बागराणप से कई दंत कथाएं भी जुड़ी हुई हैं. यहां के कुछ बुजुर्ग लोग बताते हैं कि सनातन धर्म के महाकाव्य रामायण में लोनी का पुराणिक इतिहास है. कहा जाता है कि लोनी को रावण की मौसी कुंभी नसी के पुत्र लवणासुर ने बसाया था.
बता दें कि लोनी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले की एक तहसील है जो यहां की रामपार्क कॉलोनी में है. यह जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर पश्चिम में हैं. लोनी में दर्जनों कॉलोनियों के अलावा करीब 50 गांव है. लोनी से बागपत की तरफ चलते हुए ट्रॉनिका सिटी नाम का डेवलपिंग रेजिडेंशियल एरिया है जो बाकी क्षेत्र के मुकाबले नियोजित, सुरक्षित और संरक्षित है. इसमें कई फैक्ट्रियां और बिजनेस स्थापित हैं. यह राजधानी दिल्ली और पश्चिमी यूपी के दूसरे क्षेत्रों से सड़कों और परिवहन से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है.
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