Tiger in Lucknow: लखनऊ के काकोरी के रहमान खेड़ा इलाके में बाघ ने दस्तक दी है. जिसकी वजह से केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के जंगल से जुड़े आस-पास के दस गांव के लोग दहशत में हैं. क्या हालात हैं जानिए.
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Tiger in Lucknow: लखनऊ के दस गांवों में बाघ का आतंक है. जंगल में पिछले कई दिनों से बाघ ने डेरा डाल रखा है. काकोरी के रहमान खेड़ी स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के जंगल से सटे गांव में लोग दहशत में हैं. इन गांव में रोजगार का मुख्य श्रोत खेती है. कहा जा रहा है कि इन्हीं गांव के खेतों से गुजर कर बाघ रहमान खेड़ा के जंगल तक पहुंचा है. एक दो नहीं कई खेतों में बाघ के पग मार्क मिले हैं.
ग्रामीणों ने बताया कि बाघ की दहशत से आस पास के गांव वालों में खेत मे किसानी करने जाना छोड़ दिया है. बच्चों को स्कूल जाने के लिए घरवाले मना कर दिए हैं. अगर कहीं निकलना होता है तो हाथों में लकड़ी लेकर झुंड में जाते हैं और जानवरों को घर के अंदर ही बांध रहे है. इसके साथ ही बच्चों को घर के आंगन से बाहर नहीं निकलने दे रहें
इन गांवों में दहशत
आपको बता दें, केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान का बाग और जंगल कई एकड़ में है. ऐसे में जिन गांवों में बाघ के आने से लोग खौफ में हैं, उनमें मीठे नगर, बड़ी कसमंडी, हाफिज खेड़ा, रहमत नगर, मोहम्मद नगर, नई बस्ती, सैलामऊ, दुगौली, संयासी बाग, उलेरापुर का नाम शामिल है. ये पहली बार नहीं है, जब लोग डर के साय में हैं. इससे पहले 2012 में भी यहां जंगल में बाघ आ गया था. उसने कई जानवरों को अपना शिकार बनाया था. तब वन विभाग ने उसे पकड़ने के लिए कई पिंजरा व पड़वा बांधे थे, लेकिन वह हर बार पड़वा का शिकार कर पिंजरे से बच जाता था. 109 दिनों के बाद उसे पकड़ा गया था.
बाघ को पकड़ने में जुटी टीम
जंगल में दो दिन से सिर्फ वन विभाग और पुलिस के जवान ही जा रहे हैं. जिस जगह पर नील गाय का शव मिला था वहां से सौ मीटर के दायर में वन विभाग ने पिंजरा लगाया है. इतना ही नहीं दूसरे स्थान पर भी एक पिंजरा लगाया गया है. बाघ की लोकेशन जानने के लिए 07 कैमरा ट्रैप, 02 ट्रैपिंग केज लगाए गए हैं. वन विभाग की तीन टीमें दिन-रात गश्त कर रही है. हर टीम में पांच-पांच मेंबर्स हैं.
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