परिवार वालों का कहना है कि अगर मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कराई जाती तो वह सामूहिक आत्मदाह कर लेंगे.
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गोंडा: तीन बेटियों पर हुए एसिड अटैक का मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है. मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी के पक्ष में पसका गांव के लोग लामबंद हो गए हैं और उसे निर्दोष बताया जा रहा है. आरोपी के पक्ष में बुधवार को पसका बाजार में पूरी तरह बंदी थी. यहां की सभी दुकाने बंद कर लोग पुलिस के खुलासे को फर्जी बता रहे हैं.
परिजनों का आरोप 'पुलिस ने फर्जी कार्रवाई की'
वहीं आरोपी के परिजनों ने अपने बेटे को निर्दोष बताते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ से इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है. परिजनों का कहना है कि पुलिस असली आरोपी को बचा रही है और उनके बेटे को पहले घर से उठाया गया और फिर ले जाकर एनकाउंटर में उसको गोली मारी गई. परिवार वालों का कहना है कि अगर मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कराई जाती तो वह सामूहिक आत्मदाह कर लेंगे. आपको बता दें, पीड़ित बहनें और पकड़ा गया आरोपी एक ही गांव के हैं, लेकिन जिस तरह से आरोपी के पक्ष में पूरा गांव एकजुट होकर खड़ा हुआ है उसने पुलिस के खुलासे पर सवाल खड़ा कर दिया है.
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मंगलवार रात मुठभेड़ में हुई थी गिरफ्तारी
पुलिस के मुताबिक एसिड अटैक के आरोपी को उन्होंने देर रात मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था. आरोपी को पकड़ने गई टीम ने एनकाउंटर के बाद जख्मी हुए आशीष को अस्पताल में भर्ती कराया. मुठभेड़ बैकुंठनाथ महाविद्यालय के पास हुई थी. पुलिस के मुताबिक आरोपी के पास से देसी तमंचा और कारतूस भी बरामद किया गया था. पुलिस का ये भी कहना है कि हमले की शिकार हुई तीनों बहनों ने बयान में आशीष कुमार उर्फ छोटू का नाम लिया था.
सीएम योगी ने लिया था मामले का संज्ञान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इस मामले पर जिला प्रशासन से जानकारी ली थी और पीड़ित परिवार को तत्काल 5 लाख की सहायता राशि उपलब्ध कराने के साथ-साथ पीड़ित लड़कियों के इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे. उन्होंने गोंडा के एसपी को सख्त निर्देश दिए हैं कि इस प्रकार की घटनाएं नहीं होनी चाहिए. सीएम की सख्ती पर ही पुलिस ने आरोपी को पकड़ा था, जिस पर आरोपी की मां सवाल उठा रही हैं.
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