नई दिल्लीः पहाड़ो में हो रही लगातार बारिश के चलते काश्तकार की मण्डी तक फल सब्जियां लगभग 20 से 30 फीसदी कम पहुंच रही हैं. जिससे पहाड़ी फल सब्जियों के मूल्य में वृद्धि देखने को मिल रही है. उत्तर भारत मे दूसरी सबसे बड़ी मण्डी हल्द्वानी में इन दिनों पहाड़ो से आ रही फल सब्जियों की आवक कम हो गई है. जिसका मुख्य कारण लगातार हो रही बारिश है. पहाड़ी क्षेत्रों में पैदल मार्ग भारी बरसात होने से चलने योग्य नही है, जिससे पहाड़ के ग्रामीण काश्तकारों द्वारा फल सब्जियों को मुख्य सड़क तक लाया जाता है, जो कि बारिश के चलते पूर्ण रूप से बाधित है.


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काश्तकार के अलावा मण्डी के आढ़ती भी मान रहे हैं कि इन दिनों हो रही बारिश से पहाड़ की फल सब्जियां मण्डी तक लगभग 30 से 40 फीसदी तक कम पहुंच रही हैं. लिहाजा फल सब्जियां बाजार में महंगी हो गई हैं. साफ तौर पर लगातार हो रही बारिश का खामयाजा मैदानी क्षेत्र में रह रही जनता हो उठाना पड़ रहा है. किसान की फसल को कभी मण्डी में सही मूल्य नही पाता तो कभी आसमान से बरसती आफत का शिकार होना पड़ता है.


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आसमान से बरसती आफत ने जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया तो दूसरी तरफ काश्तकार की फल सब्जियां मण्डी तक नहीं पहुच पा रही हैं. मण्डी समिति ने भी माना है कि पहाड़ो में लगातार हो रही बारिश से पहाड़ो की सब्जियां और फल वाले क्षेत्र अल्मोड़ा, बागेश्वर समेत मुक्तेश्वर और रामगढ़ के कई इलाकों से सड़क मोटर मार्ग बाधित होने से हल्द्वानी मण्डी तक नहीं पहुंच पा रहा है.


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मौसम विभाग ने पूरे कुमाऊं क्षेत्र में आने वाले दिनों में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. ऐसे में खराब रास्तों और मालवा आने से बंद पड़ी सड़कों को खोलने में कुछ दिन और लग सकते हैं. वर्तमान में कुमाऊं क्षेत्र में 18 मोटर मार्ग बारिश से बाधित हैं. जिस वजह से किसानों द्वारा तोड़कर रखी सब्जी और फल खराब हो चुके हैं. आने वाले समय में फल सब्जी के दाम आसमान छू सकते हैं और जनता पर महंगाई की मार पड़ सकती है.