उत्तराखंड में सिर्फ हरिद्वार रेड जोन में, देहरादून वासियों के लिए आई ये खुशखबरी
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उत्तराखंड में सिर्फ हरिद्वार रेड जोन में, देहरादून वासियों के लिए आई ये खुशखबरी

प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि 4 मई से ग्रीन जोन में हर प्रकार की एक्टिविटी सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक हो सकेगी. लेकिन रात 7 बजे से सुबह 7 बजे तक पूरी तरह लॉकडाउन रहेगा.

फाइल फोटो

देहरादून: कोरोना वायरस से बचाव के लिए मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने शनिवार को प्रेस वार्ता की. प्रेस वार्ता में लॉकडाउन में शर्तों के साथ छूट देने और कोरोना वायरस से बचाव जैसी कई बातों का जिक्र किया गया. मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के 13 जिलों में से सिर्फ हरिद्वार को रेड जोन में रखा गया है. जबकि 10 जिलों को ग्रीन जोन में, 2 जिलों को ऑरेंज जोन में रखा गया है.

रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन की पहचान प्रशासन की तरफ से एक्टिव केस की संख्या, टेस्ट प्रतिशत, केस के डबल होने का रेट और सर्विलांस कार्य को आधार मानकर तैयार किया गया है.

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प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि 4 मई से ग्रीन जोन में हर प्रकार की एक्टिविटी सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक हो सकेगी. लेकिन रात 7 बजे से सुबह 7 बजे तक पूरी तरह लॉकडाउन रहेगा. ऑरेंज जोन में ग्रीन जोन की अपेक्षा छूट नहीं मिलेगी और रेड जोन के शहरी इलाकों में पहले की तरह स्थिति रहेगी. यहां पर किसी को बिना काम के बाहर नहीं निकलने दिया जाएगा. हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में खेती के कार्य हो सकेंगे.

ऑरेंज और रेड जोन में ग्रुप ए और बी के सभी अधिकारी दफ्तर आएंगे, जबकि ग्रुप 3 और 4 के केवल 33 फीसदी लोग दफ्तर आएंगे. पूरे प्रदेश में ये व्यवस्था एक सप्ताह तक लागू रहेगी. एक सप्ताह बाद स्थिति को देखकर कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जा सकती है. इस दौरान गर्भवती महिलाओं या जिनके 10 साल से कम आयु के बच्चे हैं. इसके अलावा 55 वर्ष के स्वस्थ्य और बीमार कर्मचारियों को इसमें छूटे दी गई है. ऐसे कर्मचारियों को ऑफिस नहीं बुलाया जाएगा.

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ग्रीन जोन में सभी दफ्तर 4 मई से खुलेंगे, ग्रुप ए और बी के सभी कार्मिक रहेंगे, ग्रुप सी और डी के 50 प्रतिशत कर्मचारी आएंगे. आवश्यक वस्तुओं की दुकानें 7 बजे से खुल सकेंगी.

वहीं उत्तराखंड राज्य के जो मजदूर बाहर फंसे हुए हैं और वो राज्य आना चाहते हैं. इसके लिए अब तक कुल 1 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है. इसके लिए राज्य सरकार ने एसओपी भी बना दिया है. एसओपी के आधार पर ही अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस लाया जाएगा. मुख्य सचिव ने बताया है कि राज्य के सबसे अधिक लोग दिल्ली में फंसे हुए हैं. आपको बता दें कि दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को लाने के लिए राज्य सरकार ने पिछले दिनों टोल फ्री नंबर के साथ 15 नंबरों को जारी किया था.

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