Uttarakhand Metro Rail Project: देहरादून जैसे बड़े शहरों में ट्रैफिक के बढ़ते लोड को देखते हुए यहां के 3 बड़े शहरों को आपस में जोड़ने के लिए उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की ओर से उत्तराखंड वासियों के लिए बड़ी खुशखबरी आ रही है. जानें अगले कितने सालों में मिल सकेगा इस योजना का लाथ?....
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Dehradun News: उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के बड़े शहरों में ट्रैफिक के लोड को कम करने और देहरादून से हरिद्वार और ऋषिकेश को जोड़ने के लिए अत्याधुनिक रैपिड ट्रांजिक सिस्टम का निर्माण करने जा रहा है. इसके लिए योजना तैयार कर ली गई है. उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UKMRC) के अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि देश की पहली नियो मेट्रो देहरादून में दो कॉरिडोर पर शुरू होगी, साथ ही हरिद्वार में देश की पहली पॉड टैक्सी देखने को मिलेगी.
उत्तराखंड सार्वजनिक परिवहन में इस प्रकार की सुविधा देने वाला देश में पहला राज्य बन जाएगा. उम्मीद है कि अगले 4 साल में इस योजना को पूरा कर लिया जाएगा. इस प्रोजेक्ट पर का काम शुरू होने जा रहा है. अब देहरादून में आगामी मेट्रो रेल परियोजना के लिए सर्वेक्षण जल्द ही शुरू होने वाला है. यह हरिद्वार और ऋषिकेश तक विस्तारित होगा. एक बार प्रोजेक्ट पूरा हो जाने पर, यह उत्तराखंड के तीन प्रमुख शहरों के बीच इंटर-सिटी कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगी.
बनेगा PRT कॉरिडोर
पहले चरण में, ड्रोन टेक्नोलॉजी और एनालिटिक्स कंपनी आईजी ड्रोन को देहरादून शहर के भीतर प्रस्तावित पर्सनलाइज्ड रैपिड ट्रांजिट कॉरिडोर (PRT) के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने के लिए टोपोग्राफिकल सर्वे करने का ठेका दिया गया है. PRT कॉरिडोर पंडितवाड़ी से रेलवे स्टेशन, क्लेमेंट टाउन से बल्लीवाला और गांधी पार्क से आईटी पार्क तक स्थापित किया जाना प्रस्तावित है.
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ड्रोन से निगरानी
उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने इस प्रोजेक्ट पर काम आगे बढ़ाते हुए भारत के पहले नियो मेट्रो सिस्टम के पर्सनल रैपिड ट्रांजिट (पीआरटी) कॉरिडोर का सर्वेक्षण हाई-टेक ड्रोन द्वारा किया है. उत्तराखंड मेट्रो रेल परियोजना ने आगामी रेल मेट्रो परियोजना का सर्वेक्षण करने के लिए एक ड्रोन बनाने वाली कंपनी आईजी ड्रोन को आमंत्रित किया है. यह कंपनी परियोजना की प्रगति को ट्रैक करेगी.
कंपनी ने क्या कहा
इस काम में प्रयोग होने वाले ड्रोन उन्नत सेंसर क्षमताओं से लैस, ये ड्रोन जमीन से उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाली छवियां, वीडियो और अतिरिक्त डेटा कैप्चर कर सकते हैं. ड्रोन कंपनी का कहना है कि ऐसे इलाकों में मेट्रो रेल परियोजना का सर्वेक्षण करना अपने आप में एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, लेकिन हमारे पास ऐसी परियोजनाओं की विस्तार से निगरानी करने के लिए नवीनतम ड्रोन तकनीक और सॉफ्टवेयर है. कंपनी ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि मार्च 2023 में IG ड्रोन्स को मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के सर्वेक्षण का ठेका भी मिल चुका है.