हाथरस केस: CBI ने चार्जशीट में कहा- पीड़िता के साथ गैंगरेप हुआ, यूपी पुलिस ने मामले को दबाया
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हाथरस केस: CBI ने चार्जशीट में कहा- पीड़िता के साथ गैंगरेप हुआ, यूपी पुलिस ने मामले को दबाया

इसमें सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में साफ कहा कि यूपी पुलिस ने केस को दबाने की कोशिश की थी. पीड़िता के साथ गैंगरेप हुआ था, उसके प्रेमी संदीप ने अपने साथियों संग मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया था.

हाथरस केस: CBI ने चार्जशीट में कहा- पीड़िता के साथ गैंगरेप हुआ, यूपी पुलिस ने मामले को दबाया

लखनऊ: हाथरस केस में सीबीआई ने चार्जशीट में यूपी पुलिस को जांच में दोषी माना है. चार्जशीट में कहा गया है कि पीड़िता के साथ गैंगरेप हुआ था. संदीप का पीड़िता के साथ अफेयर था, लेकिन पीड़िता ने संदीप के साथ बातचीत बंद कर दी थी. इसके बाद संदीप ने अपने साथी रवि, लवकुश और रामकुमार (रामू) के साथ मिलकर गैंगरेप किया था. सीबीआई ने इस पूरे प्रकरण में 80 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की थी. तीन दर्जन से ज्यादा गवाह भी बनाए गए हैं. विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जनवरी में होनी है. 

सीबीआई (CBI) के मुताबिक पीड़िता ने अपने बयान में कहा था कि संदीप और रवि के साथ मिलकर अन्य लोगों ने उसके साथ गैंगरेप किया. वे सब पीड़िता की मां को देखकर वहां से भाग गए थे. चार्जशीट में यह भी कहा गया कि पीड़िता का आरोपी संदीप के साथ अफेयर था. CBI ने यूपी पुलिस को जांच में लापरवाही बरतने का दोषी भी माना है. 

पीड़िता ने दिया था आरोपियों के खिलाफ बयान
सीबीआई (CBI) जांच के अनुसार पीड़िता ने जांच अधिकारी को दिए अपने बयान में बताया कि इस साल 14 सितंबर को संदीप, रामू, रवि और लवकुश ने उसके साथ गैंगरेप किया. इसके बाद संदीप ने उसका गला घोंट दिया, जिससे वह बेहोश हो गई. सीबीआई ने पीड़िता के इन्हीं बयान और मरते समय दिए गए बयानों के वायरल वीडियो के आधार पर अपनी चार्जशीट दाखिल की है. 

रेप के बाद दुपट्टा से गला बांधकर घसीटा था
इस साल 14 सितंबर को हाथरस (Hathras Case) के थाना चंदपा के गांव में रहने वाली दलित परिवार की एक लड़की के साथ गांव के ही चार लड़कों ने गैंगरेप करने के बाद हत्या की कोशिश की थी. आरोप था कि लड़की का बलात्कार करने के बाद आरोपी उसके गले में दुप्पटा डालकर घसिटते हुए खेतों में ले गए थे, जिससे उसकी रीढ़ की हड्डी तक टूट गई थी. 

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18 दिसंबर को CBI ने दाखिल की थी चार्जशीट
हाथरस कांड में सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में दाखिल किए गए आरोप पत्र में अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में बिटिया के आखिरी बयान को मुख्य आधार माना गया. बयान में चारों आरोपियों संदीप, रामू, रवि व लवकुश पर सामूहिक दुष्कर्म करने और हत्या का प्रयास करने की बात कही गई थी. उत्तर प्रदेश के हाथरस में कथित गैंगरेप और हत्याकांड में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 18 दिसंबर को चार्जशीट दाखिल की थी. इस मामले की आईओ सीमा पाहुजा और सीबीआई के अफसर हाथरस जिला कोर्ट पहुंचे थे. सीबीआई ने एससी/एसटी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. 

पीड़िता और संदीप के बीच होती थी बातचीत
आरोप पत्र के मुताबिक, सीबीआई ने संदीप और पीड़िता के बीच के रिश्तों का खुलासा किया गया है. जांच में सीबीआई को पता चला कि दोनों के घर नजदीक थे और दोनों में दो-तीन साल से संबंध थे. ग्रामीणों से पूछताछ में यह बात सीबीआई के समक्ष सामने भी आई. यही नहीं आरोपी और उसके पिता की सीडीआर खंगालने पर पता चला कि अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 तक पीड़िता व संदीप के बीच काफी बातचीत होती थी.

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14 सितंबर को गंभीर हालत में मिली थी युवती
हाथरस कांड की पीड़िता 14 सितंबर को अपने गांव के ही खेत में गंभीर हालत में मिली थी. बाद में उसे अलीगढ़ के अस्पताल और उसके बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. जहां 29 सितंबर को इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इसके बाद कथित तौर पर परिवार की मंजूरी के बिना पुलिस ने आनन-फानन में उसका दाह-संस्कार कर दिया था. यूपी पुलिस की एसटीएफ ने रेप की बात भी नकार दी थी. वारदात के बाद पीड़िता ने अपने ही गांव के 4 लड़कों पर गैंग रेप का आरोप लगाया था, जिसके बाद लोकल पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया था. मामले के तूल पकड़ने पर बाद में इसे जांच के लिए सीबीआई के हवाले कर दिया गया था.

सीबीआई ने चारों के खिलाफ दाखिल किया था आरोप-पत्र
सीबीआई ने विशेष न्यायालय एससी-एसटी कोर्ट में बिटिया के साथ हुई घटना में चारों आरोपियों संदीप, रवि, रामू और लवकुश के खिलाफ (धारा 376, 376 ए,376 डी.302 व 3(2)(5) एससी-एसटी एक्ट के तहत) आरोप पत्र दाखिल किया था.

अखिलेश यादव ने उठाए सवाल
इस मामले में अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि हाथरस मामले में अब न्याय मिलने की उम्मीद जगी है. सरकार ने लगातार झूठ बोलने का काम किया. कल भी झूठ बोल रही थी आज भी झूठ बोल रही है.

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