तत्कालीन एसपी को हटाने और जिलाधिकारी पर कोई कार्रवाई न करने पर भी हाईकोर्ट ने योगी सरकार के प्रति नाराजगी जताई है. साथ ही पीड़ित परिवार को समुचित सुरक्षा देने के निर्देश दिए हैं.
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लखनऊ: हाथरस कांड में बीते सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई थी. इसके ऑर्डर की विस्तृत कॉपी आ गई है. हाथरस मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने रात में पीड़िता के अंतिम संस्कार को मानवाधिकार का उल्लंघन बताते हुए जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार के फैसले पर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने सरकारी अधिकारियों, राजनीतिक व्यक्तियों को इस मामले में बयानबाजी नहीं करने के निर्देश दिए हैं.
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पुलिस अधिकारियों को भी मामले में बयानबाजी नहीं करने के निर्देश हाईकोर्ट की ओर से दिए गए हैं. तत्कालीन एसपी को हटाने और जिलाधिकारी पर कोई कार्रवाई न करने पर भी हाईकोर्ट ने योगी सरकार के प्रति नाराजगी जताई है. साथ ही पीड़ित परिवार को समुचित सुरक्षा देने के निर्देश दिए हैं. मीडिया को भी संयमित रिपोर्टिंग की सलाह अदालत की ओर से दी गई है. सीबीआई को कोर्ट ने निर्देशित किया है कि वह अपनी जांच से जुड़ा कोई भी अपडेट मीडिया के साथ साझा न करे.
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आपको बता दें कि इस मामले में अगली सुनवाई 2 नवंबर को होनी है. हाईकोर्ट ने उस दिन हाथरस के तत्कालीन एसपी विक्रांत वीर को तलब किया है. इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के जज न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह ने स्वतः संज्ञान लेते हुए शासन, प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को कोर्ट में पेश होने का नोटिस जारी किया था.
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