आगरा विश्वविद्यालय में अंकतालिकाएं जलाने के मामले में जांच पूरी, क्लर्क निकला दोषी
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आगरा विश्वविद्यालय में अंकतालिकाएं जलाने के मामले में जांच पूरी, क्लर्क निकला दोषी

Dr. Bhimrao Ambedkar University में अंकपत्र जलाने के मामले की जांच पूरी. क्लर्क पाया गया दोषी. कुलपति प्रो. अशोक मित्तल को  सौंपी गई रिपोर्ट. रिपोर्ट के आधार पर की जाएगी आगे की कार्रवाई.

आगरा विश्वविद्यालय में अंकतालिकाएं जलाने के मामले में जांच पूरी, क्लर्क निकला दोषी

आगरा: डॉ. भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी (Dr. Bhimrao Ambedkar University) में अंकपत्र जलाने के मामले  की जांच पूरी कर ली गई है. इसमें क्लर्क को दोषी पाया गया है. समिति ने सोमवार को कुलपति प्रो. अशोक मित्तल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.  रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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जांच समिति की रिपोर्ट में क्लर्क दोषी
जांच समिति की रिपोर्ट में क्लर्क को दोषी पाया गया है. क्लर्क ने  हेल्प डेस्क से अंकपत्र बचाए थे और इन्हीं अंकतालिकाओं को जलाया गया.

कमरे से मिले 200 अंकपत्र
जांच समिति को उसके कमरे की तलाशी लेने पर 200 अंकपत्र मिले. इसकी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में यूनिवर्सिटी के कुलपति को सौंप दी गई है. इस मामले में इतिहास विभाग के पांच कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए हैं.

2015 में बनाई गई थी हेल्प डेस्क
समिति की जांच में पता चला कि इतिहास विभाग में 2015 में हेल्प डेस्क बनाई गई थी. यहां स्टूडेंट के प्रार्थनापत्र के बाद अंकपत्रों का संशोधन कर इनका वितरण किया जाता है. ये हेल्प डेस्क 2017 तक संचालित होती रही इसके बाद इसको बंद कर दिया गया.

आरोपी ने करीब 300 अंकतालिकाएं बचाकर रखीं
समिति की जांच रिपोर्ट में ये भी पता चला है कि आरोपी क्लर्क ने करीब 300 अंकपत्रों को अपने पास बचाकर रख लिए थे. जांच करने पर समिति को उसके कमरे से 200 अंकपत्र मिले. बाकी बचे 100 अंकपत्रों को जलाए जाने की आशंका है.

सीलबंद लिफाफे में कुलपति को सौंपी रिपोर्ट
तीन सदस्यों की समिति ने सील बंद  लिफाफे में रिपोर्ट कुलपति को सौंपी गई है. कुलपति अशोक मित्तल ने जांच रिपोर्ट कुलसचिव डॉ. अंजनि मिश्र को भेज दी है. कुलसचिव आगे की कार्रवाई तय करेंगे.

ये था मामला
डॉ. भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग में 12 दिसंबर को संविदा पर काम कर रहे क्लर्क वीरेश ने अंकपत्रों में आग लगा दी थी. अंकपत्रों के जलाए जाने की जानकारी पर कर्मचारी के कमरे को सील कर दिया गया था. जांच के लिए समिति भी बनाई गई. जांच समिति ने 18 दिसंबर से जांच शुरू की.

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