अयोध्या केस: जमीयत उलेमा की सुन्नी वक्फ बोर्ड से सौदेबाजी नहीं करने की अपील
Advertisement

अयोध्या केस: जमीयत उलेमा की सुन्नी वक्फ बोर्ड से सौदेबाजी नहीं करने की अपील

आज चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि इस मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी हो जाएगी. साथ में उन्होंने ये भी कहा कि अगर इस मामले से जुड़े पक्षकार बातचीत करना चाहते हैं तो कोर्ट को ऐतराज नहीं है. 

फाइल फोटो.

लखनऊ: बाबरी मस्जिद और राम मंदिर मामले में समझौते की सभी कोशिशों की नाकामी के बाद सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई जारी है. आज चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि इस मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी हो जाएगी. साथ में उन्होंने ये भी कहा कि अगर इस मामले से जुड़े पक्षकार बातचीत करना चाहते हैं तो कोर्ट को ऐतराज नहीं है. किसी भी सूरत में मामले की सुनवाई रोकी नहीं जाएगी. अगर सभी पक्षकार एकबार फिर से मध्यस्थता प्रक्रिया पर आगे बढ़ना चाहते हैं तो वे आगे बढ़ें.

इस पूरे मामले को लेकर उत्तर प्रदेश जमीयत उलेमा की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई. जमीयत उलेमा प्रदेश अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद मतीनुल हक उसामा कासमी ने कहा कि बाबरी मस्जिद मामले में सौदेबाजी कबूल नहीं की जाएगी. उन्होंने सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन द्वारा मामले से जुड़े पुराने वकीलों को हटाने पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने बाबरी मस्जिद और राम मंदिर मामले में समझौते की सभी कोशिशों की नाकामयाब बताया. 

उन्होंने कहा कि अब जब मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में जारी है तो मध्यस्थता की बात क्यों की जा रही है. अगर मध्यस्थता करनी भी है तो यह कोर्ट की निगरानी में हो. उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड पैरवी में कोई कसर नहीं छोड़े. पुराने वकीलों को हटाकर पैनल में ऐसे वकीलों को शामिल करना जिनका किरदार पहले से ही संदिग्ध रहा है, हम इसका विरोध करते हैं.

Trending news