कन्नौज में 11 जनवरी की रात एक स्लीपर बस भीषण सड़क हादसे का शिकार हो गई थी. जिसमें 20 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि 21 लोग घायल हो गए थे.
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लखनऊ: कन्नौज स्लीपर बस दुर्घटना मामले में प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. एआरटीओ को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ नियमों को ताक पर रखकर परमिट देने वाले अलग-अलग एआरटीओ पर भी गाज गिरी है. यह कार्रवाई परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव राजेश सिंह ने की है.
कन्नौज में 11 जनवरी की रात जीटी रोड हाइवे पर स्लीपर बस और ट्रक में टक्कर हो गई थी, जिसके बाद बस में भीषण आग लग गई थी. इस हादसे में 20 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी. जबकि 21 लोग घायल हो गए थे. यह बस कन्नौज के गुरसहायगंज से जयपुर जा रही थी. हादसे के तुरंत बाद सीएम योगी ने घायलों को 50 हजार और मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया था.
घटना के 20 दिन परिवहन विभाग ने कार्रवाई की है. कन्नौज के एआरटीओ संजय झा को निलंबित कर दिया गया है. संजय झा पर बस जलने और लापरवाही प्रवर्तन कार्य न करने, फाइल गायब करने के आरोप भी लगे थे. हमीरपुर एआरटीओ मो. हसीब को फिटनेस देने में लापरवाही, गड़बड़ी, लोगों की जान से खिलवाड़ के आरोप में FIR दर्ज कराने की तैयारी भी परिवहन विभाग कर रहा है. वहीं लखनऊ एआरटीओ संजय तिवारी के रायबरेली में तैनाती के दौरान गबन के आरोप पर कार्रवाई की गई है.
इतना ही नहीं परिवहन विभाग ने अमेठी की एआरटीओ पुष्पांजलि गौतम को काम में लापरवाही और कैशबुक में गड़बड़ी के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है. जबकि फर्रूखाबाद एआरटीओ शांति भूषण पांडेय भी जांच में वित्तीय अनियमितता और प्रवर्तन काम में लापरवाही में लिप्त पाए गए. इसे देखते हुए परिवहन विभाग ने उन्हें भी सस्पेडं कर दिया है.