Gulab Singh Lodhi: अंग्रेजी हुकूमत के दौरान झण्डा सत्याग्रह आन्दोलन में भाग लेने उन्नाव जनपद के कई जत्थे लखनऊ पहुंचे थे, लेकिन सिपाहियों ने उन्हें खदेड़ दिया था. इन्हीं सत्याग्रह के जत्थों में शामिल वीर गुलाब सिंह लोधी ने अंग्रेजी हुकूमत के आगे घुटने नहीं टेके..
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Gulab Singh Lodhi: यूपी के उन्नाव का आजादी में भी खासा योगदान रहा है. आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले अमर शहीद गुलाब सिंह लोधी एक ऐसा नाम है, जो हंसते-हंसते अंग्रेजी हुकूमत को ललकारते हुए तिरंगा फहराया और देश के लिए शहीद हो गए. अपने देश के लिए शहीद होने वाल गुलाब सिंह लोधी की प्रतिमा का सीएम योगी आदित्यनाथ ने अनावरण किया. इस लेख में जानते हैं कि देश की आजादी में अपना योगदान देने वाले शहीद गुलाब सिंह लोधी के बारे में.
ब्रिटिश हुकूमत के सामने नहीं टेके घुटने
गुलाब सिंह का जन्म उन्नाव के फतेहपुर (Fatehpur) ब्लाक के चंद्रिकाखेड़ा में रामरतन लोधी के घर 1903 में हुआ. बात उस समय की है जब अंग्रेजी हुकूमत के दौरान झंडा सत्याग्रह आंदोलन में भाग लेने उन्नाव जिले के कई जत्थे लखनऊ पहुंचे थे, लेकिन ब्रिटिश सिपाहियों ने उनको खदेड दिया था. इन्हीं सत्याग्रह के जत्थों में शामिल वीर गुलाब सिंह लोधी अंग्रेजी हुकूमत की फौजी सिपाहियों की टुकडि़यों से नजर से बचकर अमीनाबाद पार्क में घुस गए. फिर वे एक पेड़ पर चढ़े और अपने हाथों में पैना जिससे बैल हांका जाता है को अपने साथ ले गये. पैना को उन्होंने तिरंगा में लगाया और उसमें वह सफल हो गये.
गोलियों से हुए शहीद
पैना में तिरंगा झंडा लगाकर पेड़ की सबसे ऊंची टहनी पर फहराने के बाद वह जोर-जोर से भारत माता की जय तिरंगा झंडा की जय के नारे लगाने लगे. पार्क के अन्दर तिरंगे झंडे को फहरते हुए देख पार्क के चारों ओर इकठ्ठा हजारों लोग भारत माता की जय के नारे लगाने लगे. उनको झंडा लहराते देख अंग्रेजी हुकूमत ने क्रान्तिकारी गुलाब सिंह लोधी पर गोली चलाने का आदेश दे दिया. उनके ऊपर गोलियों की बौछार की गई. कई गोलियां गुलाब सिंह लोधी को लगी और वह 23 अगस्त 1935 को शहीद हो गये.
गुलाब सिंह के नाम पर डाक टिकट जारी
वहीं भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय अग्रणी भूमिका निभाने के लिए उनकी याद में केंद्र सरकार ने उन्नाव जिले में 23 दिसंबर 2013 को डाक टिकट जारी किया था. अमर शहीद गुलाब सिंह लोधी के नाम उन्नाव पुलिस ट्रेनिंग सेंटर और सीएचसी फतेहपुर चौरासी का नाम गुलाब सिंह लोधी रखा गया है. उनके पैतृक गांव में उनकी याद में एक स्मारक का भी निर्माण कराया जा रहा है. जहां पर शहीद गुलाब सिंह लोधी की विशाल मूर्ति लगाई जाएगी.