राष्ट्रपति के कानपुर देहात आने की जानकारी मिलने के बाद बीमार सतीश मिश्रा में नई ऊर्जा आ गई है.
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संकल्प दुबे/कानपुर: आपने लोगों को अक्सर ये कहते सुना होगा कि अगर कोई शख्स जिंदगी में कुछ बन जाता है या किसी अच्छे मुकाम पर पहुंचने के बाद अपनों को भी भूल जाता है. लेकिन देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने गांव और पुराने दोस्तों को नहीं भूले हैं. यही वजह है कि राष्ट्रपति खुद अपने बीमार दोस्त से मिलने कानपुर देहात आ रहे हैं. यहां रहने वाले उनके मित्र सतीश मिश्रा को जैसे ही राष्ट्रपति के आने की खबर मिली, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. वो खुद को धन्य मान रहे हैं कि राष्ट्रपति दोस्ती के खातिर उनसे मिलने कानपुर देहात आ रहे हैं. बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 27 जून को कानपुर देहात जाएंगे.
30 सालों से दोस्त हैं राष्ट्रपति और सतीश मिश्रा
राष्ट्रपति के कानपुर देहात आने की जानकारी मिलने के बाद बीमार सतीश मिश्रा में नई ऊर्जा आ गई है. दरअसल, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और कानपुर देहात के ग्रामीण इलाके भोगनीपुर के पुखरायां निवासी सतीश मिश्रा करीब 30 सालों से घनिष्ठ मित्र हैं. इन दिनों सतीश मिश्रा की तबीयत बेहद खराब चल रही है.
दोस्त के बीमार होने की जानकारी जब राष्ट्रपति को हुई, तो सबसे पहले उन्होंने फोन पर सतीश से बात की और कानपुर देहात आकर सतीश को देखने का वादा किया. अपने व्यस्त शेड्यूल की परवाह न करते हुए राष्ट्रपति अपने परिवार के साथ अपने दोस्त सतीश से मिलने आ रहे हैं, जिसको लेकर सतीश बेहद खुश हैं.
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पहली बार कॉलेज में हुई थी मुलाकात
राष्ट्रपति के साथ बिताए पुराने समय को याद करते हुए सतीश मिश्रा ने बताया कि वो और रामनाथ कोविंद बीएनएसडी कॉलेज में पढ़ते थे. यहीं उनकी पहली बार मुलाकात हुई थी. यही हाल डीएवी कॉलेज में भी रहा. इसके बाद राष्ट्रपति एलएलबी करने लगे और सतीश वापस पुखरायां आ गए. उन्होंने बताया कि 1991 में जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कानपुर की घाटमपुर से लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने आए थे, तब एक बार फिर पुरानी यादें ताजा हो गई थीं और मुलाकात भी होने लगी थी.
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इस दोस्त ने संघ के वीरेश्वर द्विवेदी से कराई थी राष्ट्रपति की मुलाकात
सतीश ने बताया कि कस्बे के ही एक और मित्र केदार द्विवेदी भी थे. हालांकि अब वो इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं. लेकिन उन्होंने ही रामनाथ कोविंद को संघ के वीरेश्वर द्विवेदी से मिलवाया था. अशोक सिंघल से भी उनका संपर्क कराया था. जिसके बाद उनकी दोस्ती और पक्की हो गई. सतीश मिश्रा ये भी बताते हैं कि दोस्ती गहरी होने के बाद हर छोटे-बड़े कार्यक्रमों में परिवार के साथ आना-जाना रहता रहा है.
राष्ट्रपति अपने हर कार्यक्रम में उन्हें जरूर बुलाते हैं. 8 अगस्त 2015 में जब रामनाथ कोविंद बिहार के राज्यपाल बने तो उन्हें शपथ ग्रहण समारोह में विशेष अतिथि के रूप में बुलाया था. 20 जुलाई 2017 को राष्ट्रपति पद के शपथ ग्रहण समारोह में भी वह दिल्ली गए थे. अब 27 जून को राष्ट्रपति उनसे मिलने के लिए अपने परिवार के साथ आ रहे हैं.
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