सुरक्षा की दृष्टि से पूरे मेला क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 31 जोन और 133 सेक्टरों में बांटा गया है. 10,000 उत्तराखंड पुलिस के जवानों के साथ ही पीएसी, 6 कंपनी पैरामिलिट्री फॉर्स, बम निरोधक दस्ते, डॉग स्कॉयड और जल पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है.
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हरिद्वार: सावन माह की शुरुआत के साथ ही हरिद्वार में कावड़ यात्रा का आगाज भी हो गया है. उत्तर भारत के दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत कई राज्यों से कांवड़िए हरिद्वार का रुख करने लगे है. यहां हर की पौड़ी से गंगाजल भरकर अपने-अपने शिवालयों की ओर रवाना भी हो रहे हैं. हालांकि अभी कावड़रियों की संख्या कम दिखाई दे रही है, लेकिन जैसे-जैसे शिवरात्रि का दिन समीप आएगी, वैसे-वैसे कांवड़ियों की संख्या में बढ़ोत्तरी होती जाएगी.
चप्पे-चप्पे पर जवानों की तैनाती
वहीं, मेले के लिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने भी अपनी पूरी तैयारी कर ली हैं. सुरक्षा की दृष्टि से पूरे मेला क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 31 जोन और 133 सेक्टरों में बांटा गया है. 10,000 उत्तराखंड पुलिस के जवानों के साथ ही पीएसी, 6 कंपनी पैरामिलिट्री फॉर्स, बम निरोधक दस्ते, डॉग स्कॉयड और जल पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है. इसके अलावा 144 सीसीटीवी कैमरों और 3 ड्रोन कैमरे से भी पूरे मेले पर नजर रखी जा रही है.
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भोलेनाथ में असीम आस्था रखते हैं कांवड़िए
कांवड़िए भगवान भोलेनाथ में बहुत आस्था रखते हैं. अपने मन में मन्नत लिए कोई शिवभक्त पहली बार कांवड़ लेने आया है, तो कोई सालों से लगातार कांवड़ लेने हरिद्वार पहुंच रहा है. शिव भक्तों का मानना है कि पैदल मार्ग में आने वाली गर्मी, धूप, बरसात जैसी सभी कठिनाइयां भगवान भोलेनाथ की कृपा से दूर हो जाती हैं और वे बिना किसी परेशानी के अपने नगरों के शिवालय तक पहुंचकर भगवान भोलेनाथ को जलाभिषेक करते हैं.