आनंदीबेन पटेल बनी यूपी की राज्यपाल, जानिए उनका राजनीतिक सफर
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand556739

आनंदीबेन पटेल बनी यूपी की राज्यपाल, जानिए उनका राजनीतिक सफर

आयरन लेडी के तौर पर जाने जाने वाली यूपी की राज्यपाल ने दो स्कूली बच्चों को बचाने के लिए अपनी जान भी जोखिम में डाल दी थी.

आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को यूपी गर्वनर के पद की शपथ ली है. (फाइल फोटो)

लखनऊ: यूपी की नवनियुक्त राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद शरण माथुर ने सोमवार को राज्यपाल पद की शपथ दिलाई. यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित राजभवन के गांधी सभागार में सोमवार को 12.30 बजे शपथ ग्रहण कार्यक्रम की शुरुआत हुई. इस दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा प्रदेश का पूरा प्रशासनिक अमला मौजूद था. शपथ ग्रहण समारोह के दौरान पूर्व राज्यपाल को लेकर जारी परंपरा को तोड़ते हुए पूर्व गर्वनर राम नाइक ने भी कार्यक्रम में भाग लिया.

आपको बता दें कि गुजरात की पूर्व सीएम आनंदीबेन पटेल के सुबह में लखनऊ के चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचने के बाद यूपी पुलिस ने नए राज्यपाल को प्रदेश में आगमन के बाद गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया.

fallback

आपको बता दें कि गुजरात की सीएम रही आनंदीबेन पटेल को बीजेपी शासनकाल के दौरान एमपी का राज्यपाल बनाया गया था. लंबे समय तक गुजरात की राजनीति में सक्रिय रही आनंदीबेन पटेल ने 1988 में बीजेपी की सदस्यता ली थी. राजनीतिक में शंकर सिंह वाघेला से बगावत करने के बाद नरेंद्र मोदी से उनकी काफी नजदीकी बनी रही. नरेंद्र मोदी के गुजरात का सीएम पद छोड़ने के बाद बीजेपी ने उन्हें गुजरात का सीएम बनाया. इससे पहले वो पूर्ववर्ती बीजेपी सरकारों में लगातार मंत्री बनी रहीं. आनंदीबेन पटेल की जगह एमपी के राज्यपाल के तौर पर लालजी टंडन को नियुक्त किय़ा गया है. 

fallback

आयरन लेडी के तौर पर जाने जाने वाली आनंदीबेन पटेल गुजरात की पहली महिला सीएम बनी थीं. पीएम बनने के बाद खुद नरेंद्र मोदी और बीजेपी विधायकों ने उनके नाम पर मुहर लगाई थी. गांधीवादी माहौल में पली बढ़ी आनंदीबेन पटेल ने एक स्कूल टीचर के तौर पर भी काम किया है. उन्हें काफी अनुशानसनप्रिय भी माना जाता है. 

 

fallback

उनसे जुड़े लोगों का कहना है कि राजनीति में उनका आने का कारण उनके स्कूल टीचर के तौर पर रही एक दुर्घटना रही. साल 1987 में स्कूल पिकनिक के दौरान दो स्कूली छात्राओं के नदी में गिरने के बाद उन्हें बचाने के लिए वो खुद नदी में कुद पड़ीं. उन्हें इस साहसिक कार्य के लिए उन्हें गुजरात सरकार ने वीरता पुरस्कार भी दिया था.

लाइव टीवी देखें-:

इस साहसिक कारनामे की खबर उनके पति और बीजेपी नेता मफतभाई पटेल के नजदीकी दोस्त नरेंद्र मोदी और शंकर सिंह वाघेला को हुई. जिसके बाद उन्हें बीजेपी से जुड़ने और महिलाओं के साथ काम करने को कहा गया. जिसके बाद उनके सियासी सफर की शुरुआत हुई. इस दौरान सबसे पहले आनंदीबेन पटेल ने बीजेपी महिला मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर काम करना शुरू किया. राजनीति में आने के बाद वे 1994 में गुजरात से राज्यसभा की सांसद बनी. इसके अलावा 1998 में मांडवा से विधायक भी चुनी गई और प्रदेश की सरकार में शिक्षा मंत्री बनी. 

Trending news