ब हार्मोन का स्तर बहुत कम या बहुत अधिक हो जाता है, तो आपको इसके लक्षण भी नजर आते हैं. जरूरी है कि ये लक्षण आप समय से पहचान लें.
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नई दिल्ली: आज के समय में थॉयराइड का असंतुलन एक आम स्वास्थ्य समस्या बन चुकी हैं. खासकर महिलाओं में ये समस्या ज्यादा देखी जाती है. थॉयराइड वास्तव में एक तितली के आकार की ग्रंथि है, जो मेटाबॉलिज्म की स्पीड को नियंत्रित करने वाले हार्मोन का उत्पादन करती है. थायराइड की बीमारी होने पर थायराइड हार्मोन का उत्पादन ज्यादा या कम हो जाता है. ऐसे में जब हार्मोन का स्तर बहुत कम या बहुत अधिक हो जाता है, तो आपको इसके लक्षण भी नजर आते हैं. जरूरी है कि ये लक्षण आप समय से पहचान लें और इसका इलाज शुरू कर दें -
वजन का बढ़ना या घटना
वजन का बिना किसी विशेष कारण के घटना या बढ़ना थॉयराइड का सबसे पहला और प्रमुख लक्षण माना जाता है. वजन बढ़ना थायराइड हार्मोन के निम्न स्तर का संकेत दे सकता है, एक स्थिति जिसे हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है. इसके विपरीत, अगर थायरॉयड शरीर की जरूरत से ज्यादा हार्मोन का उत्पादन करता है, तो आप अप्रत्याशित रूप से अपना वजन कम कर सकते हैं. यह हाइपरथायरायडिज्म के रूप में जाना जाता है.
ऊर्जा या मूड में परिवर्तन
थायराइड विकार का आपके ऊर्जा स्तर और मूड पर भी प्रभाव पड़ता है. हाइपोथायरायडिज्म लोगों को थका हुआ, सुस्त और उदास महसूस कराता है. हाइपरथायरायडिज्म के कारण चिंता, नींद न आना, बेचैनी और चिड़चिड़ापन हो सकता है. इस विकार में गुस्सा ज्यादा आने लगता है. छोटी सी बात पर भी मन बेहद उदास हो जाता है.
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गर्दन और गले में सूजन
एक्सपर्ट्स के मुताबिक थॉयराइड होने पर अक्सर गर्दन में सूजन देखी जाती है. थॉयराइड होने पर गर्दन के आगे के हिस्से में बदलाव भी हो सकता है. कभी−कभी गर्दन में सूजन थायरॉयड कैंसर या नोड्यूल के कारण हो सकती है, एक गांठ जो थायरॉयड के अंदर बढ़ती है. इसे पहचानना बेहद जरूरी है.
बालों का झड़ना
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, बालों का झड़ना भी थॉयराइड विकार का एक लक्षण है. हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म दोनों के कारण बाल झड़ सकते हैं. ज्यादातर मामलों में, थायराइड विकार का इलाज होने के बाद बाल वापस उग जाते हैं लेकिन ये पतले हो जाते हैं.
हार्ट रेट में बदलाव
थायराइड हार्मोन शरीर के लगभग हर अंग को प्रभावित करते हैं और इसमें आपका हृदय भी शामिल है. हाइपोथायरायडिज्म से प्रभावित लोगों में हृदय की गति को सामान्य से धीमी हो सकती है. वहीं, हाइपरथायरायडिज्म के कारण हृदय तेज हो सकता है.
ज्यादा गर्मी या सर्दी लगना
थायराइड के कारण शरीर के तापमान को प्रभावित होते हुए देखा गया है. हाइपोथायरायडिज्म वाले लोगों को अक्सर सामान्य से अधिक ठंड महसूस होती है, वहीं हाइपरथायरायडिज्म का विपरीत प्रभाव पड़ता है, जिससे अत्यधिक पसीना और गर्मी का सामना करना पड़ता है.
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