New Parliament Building Inauguration : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार यानी आज ही नए संसद भवन का पूजा विधि के द्वारा उद्घाटन किया. पीएम ने संसद भवन में राजदंड स्थापित किया. इस दौरान 21 पार्टियों ने उद्घाटन कार्यक्रम का पूरी तरह से बहिष्कार कर दिया. हालांकि 25 पार्टियों ने इस कार्यक्रम में शिरकत भी की.
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New Parliament Building : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे विधि विधान से नए संसद भवन का आज यानी 28 मई 2023 को उद्घाटन कर दिया. विपक्षी पार्टियां इस उद्घाटन कार्यक्रम का पूरा विरोध कर रही हैं और विरोध करती इन पार्टियों के नेता कई तरह के ट्वीट भी किए है. हालांकि विरोध करने की सारी हदें लालू प्रसाद यादव की पार्टी ने पार कर दी . राष्ट्रीय जनता दल ने एक शर्मनाक ट्वीट किया जिसमें उसने ताबूत से नए संसद भवन की तुलना कर दी.
विरोध करने का शर्मनाक तरीका
चारा घोटाला मामले में सजा पा चुके लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी ने देश के नए संसद भवन को लेकर एक ट्वीट किया जिसमें उसने एक ताबूत से उसकी तुलना की. पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ताबूत और नये संसद भवन की तुलनात्मक तस्वीर डाली. पार्टी ने ट्वीट कर पूछा- 'ये क्या है?'. हालांकि इस पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है.
आरजेडी का शर्मनाक विरोध
आरजेडी को निशाने पर लेते हुए बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने करार जवाब दिया और कहा कि यह आरजेडी की राजनीति के ताबूत में अंतिम कील होगा. पूनावाला ने अपने एक ट्वीट के माध्याम से कहा कि "वे घिनौने स्तर तक गिर गए हैं. आरजेडी की राजनीति के यह ताबूत में अंतिम की साबित होगा.
देखिए उनका ट्वीट-
ये क्या है? pic.twitter.com/9NF9iSqh4L
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) May 28, 2023
बीजेपी का पलटवार
आपको बता दें कि नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का कांग्रेस, जनता दल यूनाइटेड व राष्ट्रीय जनता दल ने बहिष्कार करने का फैसला किया था. हालांकि आरजेडी की ओर से सफाई दी गई है, पार्टी के नेता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि हमारे ट्वीट में लोकतंत्र को दफन किए जाने का ताबूत प्रतिनिधित्व कर रहा है. इसे देश स्वीकार नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि संसद लोकतंत्र का मंदिर है.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने उठाए प्रश्न
वहीं समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने तो सेंगोल की स्थापना पर ही प्रश्न खड़े कर दिए. इसके लिए दक्षिण के अधीनम संतों को आमंत्रित करने को लेकर एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि यह अत्ंयत दुर्भाग्यपूर्ण है कि केवल दक्षिण के कट्टरपंथी ब्राह्मण गुरुओं को सेंगोल की स्थापना पूजन में बुलाया गया. सभी धर्मगुरुओं को बीजेपी सरकार को आमंत्रित करना चाहिए था.
देखिए उनका ट्वीट-
सेंगोल राजदंड की स्थापना पूजन में केवल दक्षिण के कट्टरपंथी ब्राह्मण गुरुओं को बुलाया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा सरकार का यदि पंथनिरपेक्ष संप्रभु-राष्ट्र भारत में विश्वास होता तो देश के सभी धर्म गुरुओं यथा- बौद्ध धर्माचार्य (भिक्षुगण), जैन आचार्य (ऋषि), गुरु ग्रंथी साहब,…
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) May 28, 2023
जेडीयू का विरोध
आजेडी ने तो निशाना साधा ही है नए संसद को लेकर लेकिन जेडीयू भी किसी से पीछे नहीं है. पार्टी ने लिखा कि देश के कलंक का इतिहास नए संसद भवन के जरिए लिखा जा रहा. नीरज कुमार जो कि जेडीयू एमएलसी है उन्होंने इस बारे में कहा है कि "नए संसद का उद्घाटन तानाशाही और देश में मोदी इतिहास लागू किया जा रहा है.
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