राजस्थान से आए टिड्डी दल का झांसी में हमला, घबराए लोगों ने बंद किए घरों के दरवाजे
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राजस्थान से आए टिड्डी दल का झांसी में हमला, घबराए लोगों ने बंद किए घरों के दरवाजे

राजस्थान से होते हुए झांसी के कई मोहल्लों को पार करता हुआ टिड्डियों का दल शाम करीब 5 बजे बबीना के रसोई गांव में पहुंचा. अंधेरा होते ही टिड्डियों का झुंड सब्जी और सोयाबीन के खेतों में उतर गया और तैयार फसल को नुकसान पहुंचाया. स्थानीय लोगों ने बर्तन बजाकर और शोर मचाकर उन्हें भगाने का प्रयास जरूर किया लेकिन तब तक वे फसल को काफी नुकसान पहुंचा चुके थे.

फाइल फोटो

झांसी: कोरोना वायरस से डरे हुए लोगों को टिड्डी दल के हुए जबरदस्त हमले ने झांसी और बबीना इलाके में परेशान कर दिया है. पाकिस्तान से राजस्थान होते हुए झांसी और बबीना पहुंचा टिड्डी दल यहां के गांवों में पहुंचा और फसलों को नुकसान पहुंचाया. टिड्डियों का काफी लंबा दल देखते हुए लोग डर गए और उन्होंने अपने घरों के दरवाजे बंद कर लिए. 

शाम 5 बजे पहुंचा टिड्डी दल
राजस्थान से होते हुए झांसी के कई मोहल्लों को पार करता हुआ टिड्डियों का दल शाम करीब 5 बजे बबीना के रसोई गांव में पहुंचा. अंधेरा होते ही टिड्डियों का झुंड सब्जी और सोयाबीन के खेतों में उतर गया और तैयार फसल को नुकसान पहुंचाया. स्थानीय लोगों ने बर्तन बजाकर और शोर मचाकर उन्हें भगाने का प्रयास जरूर किया लेकिन तब तक वे फसल को काफी नुकसान पहुंचा चुके थे. गनीमत ये रही कि इस वक्त खेतों में गेहूं की फसल नहीं है इसलिए नुकसान सब्जियों को ही पहुंचा. शोर-शराबा सुनकर टिड्डियों का झुंड सुकवां-धुकवां बांध से होते हुए मध्य प्रदेश की ओर निकल गया.

सरकार ने भी बनाई है रणनीति
टिड्डी दल के प्रकोप की आशंका को लेकर कृषि मंत्री ने एक बैठक भी की है. बैठक में टिड्डी दल के प्रकोप की सूचना ग्राम प्रधान, लेखपाल, कृषि विभाग के प्राविधिक सहायकों और ग्राम पंचायत अधिकारियों के माध्यम से कृषकों तक पहुंचाने के लिए कहा गया है. टिड्डियों के आक्रमण पर ढोल, नगाडों, टीन के डिब्बों, थालियों आदि को बजाते हुए शोर मचाने की सलाह दी गई है. इसके अलावा ट्रैक्टर माउन्टेड स्प्रेयर्स, पावर स्प्रेयर्स, नगर निगम/नगर निकाय के छिड़काव यंत्रों, अग्निशमन विभाग की गाड़ियों से रसायनों का छिड़काव करने के भी निर्देश दिए गए हैं, ताकि टिड्डी दल को उनके प्रवास के ठिकानों पर ही नियंत्रित/समाप्त किया जा सके.

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कृषि मंत्री ने प्रदेश स्तर पर टिड्डी दल के नियंत्रण के लिए जिला मुख्यालयों पर नोडल अधिकारी, टास्क फोर्स और कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं. अग्निशमन विभाग की गाड़ियों समेत विभिन्न माध्यमों से टिड्डी दलों की रोकथाम के निर्देश दिये हैं.

लाखों की संख्या में चलते हैं टिड्डी दल 
टिड्डी कीट समूह में चलते हैं और ये एक दिन के अंदर 100 से 150 किलोमीटर का सफर तय कर लेती हैं. टिड्डी दल सामूहिक तौर पर लाखों की संख्या में झुंड बनाकर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं. खास तौर पर इनका निशाना हरे पत्ते होते हैं. आम तौर पर ये दिन ढलने के वक्त आते हैं और जमीन पर बैठ जाते हैं. इनके रुकने की जगह पेड़, झाड़ियां और फसलें होती हैं. अगली सुबह वे अपना आगे का सफर शुरू करती हैं. विशेषज्ञ कहते हैं इसी वक्त इन पर दवा का छिड़काव करना चाहिए.

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