बृजभूषण का टिकट काटने में क्यों हिचकिचाई बीजेपी?, पांच लोकसभा सीटों पर पासा पलटने का खतरा
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बृजभूषण का टिकट काटने में क्यों हिचकिचाई बीजेपी?, पांच लोकसभा सीटों पर पासा पलटने का खतरा

BJP Lok Sabha Candidate List 2024: बीजेपी की कोर कमेटी की बैठक सोमवार को हो चुकी है. इसमें यूपी समेत कई राज्यों के प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा हुई. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी कैसरगंज से बृजभूषण सिंह को दोबारा टिकट दे सकती है. 

 

बृजभूषण शरण सिंह.

BJP Lok Sabha Candidate List 2024: बीजेपी उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट का इंतजार आज खत्म हो सकता है. राजनीति में दिलचस्पी रखने वालों की  की कैसरगंज सीट पर प्रत्याशी को लेकर सियासी हलचल तेज है. अटकलें लगाई जा रही थीं कि यहां से सिटिंग सांसद बृजभूषण शरण सिंह का टिकट कट सकता है लेकिन सूत्रों के मुताबिक बीजेपी बृजभूषण शरण सिंह को फिर प्रत्याशी बना सकती है. 

मिल सकता है टिकट
सूत्रों के मुताबिक बीते शनिवार को नई दिल्ली में कैसरगंज से बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह की भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात भी हुई थी. माना जा रहा है कि देवीपाटन मंडल सहित कई जिलों में मजबूत पकड़ के चलते बृजभूषण का टिकट न काटने पर विचार हो सकता है. आज बीजेपी कैसरगंज सहित कई लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की सूची जारी कर सकती  है. 

पूर्वांचल की राजनीति में पकड़
कैसरगंज लोकसभा सीट पर बीते 15 साल से बृजभूषण सिंह का कब्जा बरकरार है. वह गोंडा, बलरामपुर, कैसरगंज से अब तक 6 बार सांसद रह चुके हैं. बृजभूषण सिंह की पूर्वांचल की राजनीति में अच्छी पकड़ है. वह अपने बयानों और राजनीति को लेकर मुखर रहे हैं. उनकी छवि एक कट्टर हिंदूवादी के नेता के तौर पर रही है. ब्रजभूषण सिंह की पैठ ठाकुर बिरादरी में मानी जाती है. साथ ही ओबीसी वोटर्स पर भी उनका प्रभाव है. 

इन सीटों पर भी प्रभाव
कैसरगंज लोकसभा सीट पर करीब 20 फीसदी क्षत्रिय वोटर हैं. इसके अलावा गोंडा, बहराइच, डुमरियागंज, कैसरगंज और श्रावस्ती जिलों में भी क्षत्रिय वोटर निर्णायक भूमिका में हैं. सियासी जानकारों के मुताबिक बृजभूषण सिंह का टिकट काटने से बीजेपी को बड़े वोट बैंक को खोने का खतरा साबित हो सकता है. 

1991 में पहली बार बने सांसद 
1991 में वह पहली बीजेपी के टिकट पर सांसद बने. 1996 में उनकी पत्नी केतकी सिंह को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया था, जो जीतने में कामयाब हुई थीं. साल 2009 में बृजभूषण शरण सिंह भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे. उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी को हराकर जीत हासिल की थी. इसके बाद 2014 में एक बार फिर उन्होंने बीजेपी में वापसी कर ली. 

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