Farrukhabad Loksabha chunav 2024:फर्रुखाबाद की स्थापना नवाब मोहम्मद खां बंगश ने की थी, जिसने इसे 1714 में शासक सम्राट फरुखशियर के नाम पर रखा था. आइये जानते हैं फतेहपुर सीकरी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र और उसका सियासी समीकरण...
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Farrukhabad Loksabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर देशभर में तैयारियां जारी है. 13-14 मार्च के करीब इलेक्शन कमीशन आम चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है. एक ओर भारतीय जनता पार्टी लगतार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने के लिए पूरा जोर लगा रही है. वहीं विपक्षी दल भी उलटफेर करने की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. यूपी में लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं. ऐसे में आज हम आपको फतेहपुर सीकरी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र और उसके सियासी समीकरण के बारे में बताने जा रहे हैं, तो आइये जानते हैं...
नवाब मोहम्मद खां बंगश ने की थी स्थापना
जनपद की वेबसाइट के मुताबिक, फर्रुखाबाद की स्थापना नवाब मोहम्मद खां बंगश ने की थी, जिसने इसे 1714 में शासक सम्राट फरुखशियर के नाम पर रखा था. यह जिला, कानपुर मंडल का हिस्सा है. फर्रुखाबाद टाउनशिप फतेहगढ़ और फर्रुखाबाद दो कस्बों में बंटी है. फर्रुखाबाद और फतेहगढ़, पहला तहसील का मुख्यालय है और दूसरा जिले का मुख्यालय है. दोनों 5 किलोमीटर की दूरी पर हैं. फर्रुखाबाद के उत्तर में बदायूं एवं शाहजहांपुर, पूर्व में हरदोई, दक्षिण में कन्नौज और पश्चिम में जिला एटा और मैनपुरी स्थित हैं. गंगा एवं रामगंगा पूर्व की तरफ और काली नदी दक्षिण की ओर स्थित हैं. फर्रुखाबाद क्षेत्रफल की दृष्टि से छोटा जनपद है. यहां की आबादी लगभग 18.85 लाख है.
कई दिग्गज नेताओं की रही कर्मभूमि
आजादी के बाद से अब तक यहां 17 बार लोकसभा चुनाव व उपचुनाव हो चुके हैं. जिसमें सात बार कांग्रेस का कब्जा रहा. इसके अलावा भाजपा ने 3, सपा ने 2 और जनता पार्टी ने 2 बार जबकि जनता दल और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी को एक-एक बार जीत मिली है.
यह सीट सपा नेता राम मनोहर लोहिया से लेकर कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की कर्मभूमि रही है. लोहिया 1962 चुनाव में यहां से जीतकर संसद पहुंचे थे. कांग्रेस नेता खुर्शीद आलम खां और उनके बेटे सलमान खुर्शीद भी यहां से सांसद चुने गए. भाजपा से साक्षी महाराज दो बार सांसद रह चुके हैं. वर्तमान में भाजपा के मुकेश राजपूत यहां से सांसद हैं.
सीट पर कब-किसका रहा कब्जा
1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में फर्रुखाबाद कानपुर संसदीय सीट के अंतर्गत आता था. अस्तित्व में आने के बाद इस सीट पर पहली बार 1957 में चुनाव हुआ था.
1957 में कांग्रेस के मूल चन्द्र फर्रुखाबाद के सांसद बने थे.
1967 में कांग्रेस के एसी सिंह सांसद बने थे.
1971 में कांग्रेस के अवधेष चंद्र सिंह सांसद बने थे.
1977 में भारतीय लोक दल के दया राम शाक्य सांसद बने थे.
1980 में जनता पार्टी से दया राम शाक्य सांसद बने थे.
1984 में कांग्रेस के खुर्शीद आलम खान सांसद बने थे.
1989 में जनता दल के संतोष भारतीय सांसद बने थे.
1991 में कांग्रेस के सलमान खुर्शीद सांसद बने थे.
1996 में बीजेपी के स्वामी सच्चिदानंद साक्षी सांसद बने थे.
1998 में बीजेपी के स्वामी सच्चिदानंद साक्षी दोबारा फिर से सांसद बने थे.
1999 में सपा ने अपना खाता खोला था चंद्र भूषण सिंह सांसद बने थे.
2004 में सपा के चंद्र भूषण सिंह फिर से सांसद बने थे.
2009 में कांग्रेस के सलमान खुर्शीद सांसद बने थे.
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से मुकेश राजपूत कमल खिलाने में कामयाब रहे.
2019 में बीजेपी के मुकेश राजपूत ने जीत दर्ज की थी.
जातीय समीकरण
फर्रुखाबाद लोकसभा सीट में मतदाताओं की संख्या 16,89,299 है. इसमें पुरुष वोटरों की संख्या 9,19,362 और महिला वोटरों की संख्या 7,69,161 है. यहां सबसे ज्यादा क्षत्रिय और शाक्य वोटर्स हैं,
क्षत्रिय: 1,84,270
शाक्य: 1,38,600
लोधी: 2,75,200
यादव: 2,18,480
मुस्लिम: 1,74,000
ब्राह्मण: 1,50,260
कुर्मी: 1,03,021
वैश्य: 87,130
जाटव: 98,250
अन्य वोटर: 2,60,088
इस बार क्या है गणित ?
इस सीट पर मुख्य मुकाबला एनडीए और इंडी गठबंधन के बीच है. उत्तर प्रदेश में सपा-कांग्रेस का गठबंधन हुआ है. फर्रुखाबाद सीट सपा की झोली में आई है. समाजवादी पार्टी इस सीट पर अपना उम्मीदवार का ऐलान कर चुकी है. डॉ. नवल किशोर शाक्य इस सीट पर उम्मीदवार हैं. हालांकि, इस फैसले से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद भी नाराज चल रहे हैं. फिलहाल, बीजेपी ने इस सीट पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं किया है. माना जा रहा है कि यह गठबंधन भाजपा के लिए चुनौती बन सकता है.