Amit Shah CAA: गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी CAA को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले सीएए को लागू करने की अधिसूचना जारी की जाएगी.
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CAA in India: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 370 सीट एवं उसके नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को 400 से अधिक सीट मिलेंगी. इसके साथ ही केंद्र में लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनेगी. शाह ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर कोई संशय नहीं है. कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों को भी एहसास है कि उन्हें तीसरी बार लगातार विपक्ष में बैठना होगा.
एक टीवी कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने कहा, ‘‘हमने (पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के) अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया है, इसलिए हमें भरोसा है कि देश की जनता भाजपा को 370 सीट और राजग को 400 से अधिक सीट पर जीत दिलाकर अपना आशीर्वाद देगी.’’
"भारतीय नागरिकता छीनने के लिए नहीं है CAA"
अमित शाह ने संशोधित नागरिकता कानून (CAA) पर कहा कि 2019 में बना कानून इस संबंध में नियम जारी करने के बाद लोकसभा चुनाव से पहले लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे मुस्लिम भाइयों को (CAA के खिलाफ) गुमराह किया जा रहा है और भड़काया जा रहा है. सीएए केवल उन लोगों को नागरिकता देने के लिए है जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न का सामना करने के बाद भारत आए हैं. यह किसी की भारतीय नागरिकता छीनने के लिए नहीं है.’’
UCC को लेकर कही ये बात
शाह ने समान नागरिक संहिता (UCC) पर कहा कि यह एक संवैधानिक एजेंडा है, जिस पर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और अन्य ने हस्ताक्षर किए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन कांग्रेस ने तुष्टिकरण के कारण इसे नजरअंदाज कर दिया था. उत्तराखंड में यूसीसी को लागू करना एक सामाजिक परिवर्तन है. इस पर सभी मंचों पर चर्चा की जाएगी और इसकी कानूनी समीक्षा की जाएगी. एक धर्मनिरपेक्ष देश में धर्म आधारित नागरिक संहिता नहीं हो सकती.
राम मंदिर को लेकर कांग्रेस पर साधा निशाना
वहीं, अयोध्या में राम मंदिर को लेकर गृह मंत्री ने कहा कि 500-550 साल से देश के लोगों का मानना था कि जहां भगवान राम का जन्म हुआ था वहां मंदिर बनना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन तुष्टिकरण की राजनीति के कारण और कानून-व्यवस्था का हवाला देकर राम मंदिर नहीं बनने दिया गया.’’