सुभासपा में डॉ अलका राय के शामिल होने का ओपी राजभर ने किया खंडन, बताया निराधार
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सुभासपा में डॉ अलका राय के शामिल होने का ओपी राजभर ने किया खंडन, बताया निराधार

लोकसभा चुनाव से पहले तमाम नेता अपनी गोटियां बैठाने में लगे हैं. इसी बीच माफिया मुख्तार अंसारी की करीबी रहीं डॉ. अलका राय सुभासपा में शामिल होने की खबर थी. पर अब इस पर खंडन आ गया है. ओम प्रकाश राजभर ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाने से मना किया है.

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Lok Sabha Elections: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के बहुचर्चित एंबुलेंस प्रकरण में मुख्तार अंसारी के साथ सह आरोपी  डॉ.अलका राय ने  NDA गठबंधन में सहयोगी सुभाषपा में शामिल होेने की खबर थी.  इस मसले पर ओपी राजभर ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मीडिया में जो भ्रामक खबर चलाई जा रही है वह निराधार असत्य है. अलका राय को लेकर उन्होंने कहा कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी में कोई सदस्यता ग्रहण नहीं हुई है. हम इसका खंडन करते है.

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ओपी राजभर की पार्टी में अलका
यूपी के बाराबंकी जिले के बहुचर्चित एंबुलेंस प्रकरण में मुख्तार अंसारी के साथ सह आरोपी और श्याम संजीवनी अस्पताल की संचालक डॉ. अलका राय ने ओपी राजभर की पार्टी में शामिल हो गई हैं. शनिवार को मऊ जिले के रतनपुरा में आयोजित रैली में ओमप्रकाश राजभर ने पूर्व भाजपा नेता डॉ अलका राय को अपने पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई.

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एंबुलेंस प्रकरण में मुख्तार अंसारी के साथ सह आरोपी
अलका राय मऊ जिले में बीजेपी का बड़ चेहरा रही है. लेकिन एंबुलेंस प्रकरण में उनका नाम सामने आने के बाद भाजपा से उन्हें निकाल दिया था.  अलका राय एंबुलेंस प्रकरण में मुख्तार अंसारी के साथ सह आरोपी हैं. उनके ऊपर बीते दिनों कार्रवाई की गई थी,  जिसमें उनके करोड़ों की संपत्ति को भी सील किया गया. इसके अलावा अलका कई महीने सलाखों के पीछे भी बिता चुकी हैं. उन्होंने कई महीने जेल में काटे. जेल से बाहर निकलने के बाद अपनी राजनीतिक जमीन तैयार कर रही थीं.

एंबुलेंस प्रकरण में गिरफ्तारी के बाद अलका राय ने अक्टूबर, 2022 में कहा था कि पिछले डेढ़ सालों से मुझे एंबुलेंस प्रकरण के नाम पर प्रताड़ित किया जा रहा है. उन्होंने उस समय कहा था कि इस एंबुलेंस से मेरा कोई लेना देना भी नहीं रहा है. इसके बावजूद आज मुझे बेघर कर दिया गया . पिछले डेढ़ सालों में पुलिस को किसी भी तरह मेरे और मुख्तार अंसारी के बीच कोई संबंध नहीं मिला है. अब ओपी राजभर की पार्टी में शामिल होने के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि वो फिर से बीजेपी के करीब जा रही है.

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