उत्‍तराखंड में सपा के अस्तित्‍व पर संकट, 20 वर्षों में कैसे हाशिये पर पहुंची पार्टी
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उत्‍तराखंड में सपा के अस्तित्‍व पर संकट, 20 वर्षों में कैसे हाशिये पर पहुंची पार्टी

UP Lok Sabha Election 2024 :  अगर पिछले चुनाव की बात करें तो 2019 में सपा ने उत्‍तराखंड की सभी पांच सीटों के लिए बसपा को समर्थन दे दिया था. अगर बात साल 2004 की करें तो सपा ने हरिद्वार सीट पर जीत दर्ज की थी. 

फाइल फोटो

UP Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्र‍ेस मिलकर चुनाव लड़ रही है. यूपी में सपा 63 सीटों पर चुनाव लड़ रही है तो उत्‍तराखंड का मैदान छोड़ दिया है. सपा 2024 लोकसभा चुनाव में उत्‍तराखंड से दूरी बना ली है. एक समय था जब उत्‍तराखंड अलग राज्‍य बना था तो कांग्रेस-बीजेपी के साथ लोकसभा चुनाव में दर्ज करने वाली एकमात्र पार्टी बनी थी. 

सपा का राज्‍य बनने से पहले था दबदबा 
अगर पिछले चुनाव की बात करें तो 2019 में सपा ने उत्‍तराखंड की सभी पांच सीटों के लिए बसपा को समर्थन दे दिया था. अगर बात साल 2004 की करें तो सपा ने हरिद्वार सीट पर जीत दर्ज की थी. अविभाजित उत्तर प्रदेश में सपा मजबूत स्थिति में थी. राज्य बनने से पहले इस क्षेत्र से सपा के टिकट पर कई नेता विधायक बने थे. 

विधानसभा भी खोया 
उत्‍तराखंड अलग राज्‍य बनने के बाद प्रदेश में सपा के खिलाफ विरोध था. हालांकि, इन सबके बाद भी सपा का हरिद्वार में कब्‍जा रहा. हालांकि, इसके बाद से सपा यहां बेदम होती गई. 2002 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में सपा को किसी सीट पर जीत नहीं मिली, लेकिन उसके प्रत्याशी तीन क्षेत्रों में दूसरे और चार क्षेत्रों में तीसरे स्थान पर रहे. 

हरिद्वार सीट पर था कब्‍जा 
2004 के लोकसभा चुनाव में सपा ने हरिद्वार सीट पर जीत दर्ज की. इसके बाद कांग्रेस और भाजपा ने मजबूत पकड़ बनाई. यही वजह रही कि सपा उत्‍तराखंड से साफ होती गई. 2009 के लोकसभा चुनाव में सपा ने दो सीटों पर प्रत्‍याशी उतारे, लेकिन जीत नहीं मिली. कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन कर पहले स्‍थान पर रही. वहीं, दूसरे पर बीजेपी, तीसरे पर बसपा और चौथे में सपा खिसक गई. 

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