UP Lok Sabha Election 2024: यादव परिवार के विरुद्ध बीजेपी की ओर से फुल तैयारी की गई है. कैसे घेरना है और कौन सा बिसात जगह पर बिछाना है इस सब की एक पूरी रणनीति तैयार करके पार्टी आगे बढ़ा रही है. बीजेपी ने सामाजिक समीकरणों को देखते हुए अपनी पूरी प्लानिंग की है ताकि चुनाव में उतरें अखिलश और उनके भाइ भतीजों को पछाड़ा जा सके.
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Lok Sabha Election 2024: सपा कुनबा या यूं कहें लोकसभा के चुनावी समर में उतरे यादव परिवार के पांच धुरंधरों को घेरने के लिए बीजेपी ने अपने कदम योदनाबद्ध तरीके उठाया है. सामाजिक समीकरणों के तहत बिसात बिछाई है. जातीय क्षत्रपों की एक पूरी फौज उतारकर यादव परिवार से जुड़ी पांच सीटों को जीतने की रणनीति पर काम कर रही है. एक ओर सीएम योगी आदित्यनाथ कानून व्यवस्था को लेकर मैनपुरी से आजमगढ़ तक समाजवादी पार्टी को घेरने की कोशिश की तो वहीं यादव लैंड पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के तौर पर प्रचार के लिए उतार दिया. केशव मौर्य, ब्रजेश पाठक के साथ ही प्रदेश सरकार के एक एक मंत्री संगठन के पदाधिकारियों को जिम्मा दिया जा चुका है कि वे सजातीय वोटरों को साधने में किसी तरह की कमी न छोड़ें.
यादव परिवार से कौन पांच चुनावी मैदान में
सपा मुखिया अखिलेश यादव कन्नौज से प्रत्याशी हैं.
पत्नी डिंपल यादव मैनपुरी से प्रत्याशी हैं.
भाई धर्मेंद्र यादव आजमगढ़ से प्रत्याशी हैं.
चाचा शिवपाल यादव के पुत्र आदित्य बदायूं से प्रत्याशी हैं.
रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय फिरोजाबाद से प्रत्याशी हैं.
इनमें से बीजेपी के लिए केवल मैनपुरी सीट ही अजेय रहा है. आजमगढ़ को छोड़ बाकी सीटों पर 2019 में ही पार्टी से बड़ी जीत हासिल की थी. आजमगढ़ सीट को उपचुनाव के दौरान बीजेपी ने जीत लिया था. अब टक्कर की लड़ाई है कि सपा अपने सीट वापस चाहती है और बीजेपी अपनी जीत को बरकरार रखना चाहती है. ऐसे में दोनों तरफ से जीत की कोशिश सौ प्रतिशत रहने की पूरी उम्मीद है.
महिला वोटर के लिए रणनीति
बीजेपी ने महिला वोटरों को अपनी करने का प्रयास कम नहीं किया है. केंद्र हो या प्रदेश में मोदी-योगी सरकार बनवाने में महिलाओं की बड़ी भूमिका रही. ऐसे अब फिर से इन कोर वोटर को अपनी ओर करने के लिए हर विधानसभा क्षेत्र में कई कई महिला सम्मेलन और कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है.
पिछड़ों-ब्राह्मणों और दलितों वोटरों पर भी नजर
बीजेपी की नजर सपा को शिकस्त देने के लिए महत्वपूर्ण वोटर दलित पर भी है. दलित बाहुल्य क्षेत्र में प्रदेश सरकार के मंत्री असीम अरुण, बेबीरानी मौर्य के साथ ही दिनेश खटीक, राज्यसभा सांसद मिथलेश कठेरिया समेत और कभी कई चेहरों को जमीन पर उतारा गया है. वहीं पिछड़ों-ब्राह्मणों को साधने पर भी काम जारी है. उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के साथ ही जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा जैसे बड़े और चर्चित चेहरों को पिछड़े वर्ग को साधने के लिए जमीन पर मजबूती से उतारा गया है. तो वहीं ब्राह्मणों को अपनी ओर करने के लिए उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के साथ ही कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, इसी जाति वर्ग में आने वाले प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला समेत और भी कई चेहरों को जिम्मा दिया गया है. योजनाओं का पुलिंदा यहीं खत्म नहीं होता है बल्कि मंत्री एके शर्मा, नंदगोपाल गुप्ता नंदी, प्रदेश महामंत्री अनूप गुप्ता समेत कई और चेहरों को इन सीटों पर वोटरों को साधने का जिम्मा दिया गया है.
जनसभाओं का चल रहा दौर
बदायूं और आंवला लोकसभा सीट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी चुनावी रैली कर चुके हैं तो वहीं फिरोजाबाद से सटे आगरा लोकसभा सीट पर भी पीएम मोदी की रैली आयोजित की जा चुकी है. मैनपुरी के किशनी में गृहमंत्री अमित शाह की जनसभा हो चुकी है. रैलियों और प्रबुद्ध सम्मेलनों के माध्यम से सीएम योगी आदित्यनाथ वोटरों पर असर छोड़ने की कोशिश इन सीटों पर पहुंचकर कर चुके हैं. मैनपुरी में एमपी मुख्यमंत्री मोहन यादव बीजेपी प्रत्याशी जयवीर सिंह के नामांकन में उपस्थित होकर समर्थन कर चुके हैं. इसी तरह कई और प्रयास जारी है और कई और रणनीतियां तैयार की जा रही हैं ताकि एक ऐसी व्यूह रचना की जाए जिसमें सभी पांच यादव उम्मीदवारों को ध्वस्त किया जा सके.