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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में एनडीए के सहयोगी पार्टी अपना दल (सोनेलाल) की मुखिया और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल भर्ती प्रक्रिया पर मुखर हुई हैं और भर्ती प्रक्रिया में आउट सोर्सिंग का उन्होंने जमकर विरोध किया है. सरकार नियमित भर्ती करें ऐसा अनुप्रिया पटेल का कहना है. उन्होंने कहा कि भर्ती में आरक्षण का प्रावधान है, चतुर्थ श्रेणी की भर्तियां आउट सोर्सिंग के जरिये होती हैं. भर्तियों में आरक्षण का कोई पालन नहीं हो रहा है.
संघर्ष ही मात्र विकल्प
अनुप्रिया पटेल ने ये तक कहा कि वंचित समाज दबे कुचले लोग वंचित हो गए हैं. अनुप्रिया ने आगे कहा कि आउट सोर्सिंग में वंचित वर्ग के आरक्षण का पालन किया जाए. पार्टी इस मुद्दे को जमीनी स्तर पर उठाएगी. अनुप्रिया पटेल ने जाति जनगणना की भी मांग की. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना से दबे कुचले की संख्या का पता चलेगा. अनुप्रिया ने कहा कि सत्ता आती जाती है संघर्ष ही मात्र विकल्प है.
सीएम को पत्र
दरअसल, कुछ समय पहले ही अनुप्रिया पटेल ने बड़ा आरोप लगाया था. उन्होंने राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर राज्य सरकार की सिर्फ इंटरव्यू पर आधारित भर्ती वाले आरक्षित पदों पर पिछड़ा वर्ग ( BC) और अनुसूचित जाति (SC) के साथ ही जनजाति वर्ग( ST) के अभ्यर्थी को न चुने जाने की शिकायत की थी. उनके इस पत्र ने काफी सुर्खियां भी बंटोरी थी.
अलग-अलग प्रतियोगी
अनुप्रिया पटेल ने सीएम योगी को 27 जून को लिखे लेटर में कहा कि "आपको बताना है कि पिछड़ा वर्ग व अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के अभ्यर्थि लगातार संपर्क कर रहे हैं. उन्हें जानकारी दे रहे हैं कि यूपी सरकार के आयोजित केवल साक्षात्कार आधारित नियुक्ति प्रक्रिया वाली अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लिए अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं में रिजर्व्ड सीटों पर इन वर्गों के अभ्यर्थियों को 'नॉट फाउंड सूटेबल' (योग्य नहीं पाया गया) प्रायः घोषित करके उनका चुनाव नहीं है.
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