शुरू में जेटली का झुकाव वामपंथ की तरफ जरूर था पर बाद में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से प्रभावित होने के बाद वह इस से जुड़ गए. लंबी बीमारी के बाद 24 अगस्त, 2019 को उनका निधन हो गया था. अरुण जेटली ने वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री समेत अन्य कई अहम पदों का कार्यभार संभाला.
Trending Photos
लखनऊ: भारतीय राजनीति में अपनी अलग पहचान बना चुके BJP के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली (Arun Jaitely) की 24 अगस्त यानी आज दूसरी पुण्यतिथि है. पेशे से वकील लेकिन राजनीति में हमेशा अपने तार्किक और मजबूत दलीलों से देश के लिए अपना पक्ष रखने वाले जेटली आपातकाल से ही अपने नेतृत्व कौशल के लिए पहचाने जाते रहे हैं.
UPPSC की APS 2013 की भर्ती निरस्त, नए सिरे से निकलेगा विज्ञापन, इन कैंडीडेट्स को भी मिलेगा मौका
अरुण जेटली की पुण्यतिथि पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister yogi adityanath) ने ट्वीट करते हुए याद किया और लिखा, “प्रखर राष्ट्रवादी, जनप्रिय एवं जुझारू राजनेता, मूर्धन्य विद्वान, पद्म विभूषण से सम्मानित पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि। राष्ट्र-निमार्ण हेतु आपके द्वारा किए गए प्रयासों को सदैव स्मरण किया जाएगा।”
प्रखर राष्ट्रवादी, जनप्रिय एवं जुझारू राजनेता, मूर्धन्य विद्वान, पद्म विभूषण से सम्मानित पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि।
राष्ट्र-निमार्ण हेतु आपके द्वारा किए गए प्रयासों को सदैव स्मरण किया जाएगा।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 24, 2021
1974 में शुरू हुई राजनीतिक यात्रा
आपको बता दें कि अरुण जेटली का जन्म 28 दिसंबर, 1952 को हुआ था. अरुण जेटली की राजनीति की यात्रा 1974 में शुरू हुई जब वह पहली बार कॉलेज के छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए थे. शुरू में जेटली का झुकाव वामपंथ की तरफ जरूर था पर बाद में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से प्रभावित होने के बाद वह इस से जुड़ गए. लंबी बीमारी के बाद 24 अगस्त, 2019 को उनका निधन हो गया था. अरुण जेटली ने वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री समेत अन्य कई अहम पदों का कार्यभार संभाला.
मीडिया मैनेजमेंट से लेकर पार्टी मैनेजमेंट में महारत
राजनेता होने के साथ-साथ अरुण जेटली वरिष्ठ वकील भी थे. अपनी पार्टी में उनकी पकड़ तो थी साथ ही साथ दूसरी पार्टी के नेता भी उनसे लगातार संपर्क में रहते थे. जेटली को मीडिया मैनेजमेंट से लेकर पार्टी मैनेजमेंट में भी महारत हासिल थी.
कुशल नेतृत्व के लिए जाने जाते थे जेटली
भारतीय राजनीति (Indian Politics) में बहुत ही कम ओजस्वी वक्ता और प्रशासक रहे हैं और उनमें अरुण जेटली का नाम प्रमुख है. पेशे से वकील लेकिन राजनीति में हमेशा अपने तार्किक और मजबूत दलीलों से देश के लिए अपना पक्ष रखने वाले जेटली आपातकाल से ही अपने नेतृत्व कौशल के लिए पहचाने जाते रहे हैं.
देश सुनना पंसद करता था
वे उन बहुत ही कम सांसदों में शामिल थे, जिन्हें पूरा देश सुनाना पसंद करते थे. उन्होंने कई बार बीजेपी के विपक्ष के नेता के रूप में अपना प्रभाव छोड़ा और मोदी सरकार के फाइनेंस मिनिस्टर के तौर पर भी वे एक कुशल नेता के रूप में दिखे.
कल्याण सिंह के नाम पर होगी 5 जिलों की एक-एक सड़क, डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य का ऐलान
देखिए दूल्हे की हरकत, मंडप में ही दुल्हन को करने लगा KISS, दंग रह गए लोग
WATCH LIVE TV