UP के प्राइवेट स्कूलों का बड़ा फैसला, कोरोना की वजह से अनाथ हुए बच्चों की शिक्षा का उठाएंगे बीड़ा
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UP के प्राइवेट स्कूलों का बड़ा फैसला, कोरोना की वजह से अनाथ हुए बच्चों की शिक्षा का उठाएंगे बीड़ा

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा जी ने विद्यालयों के इस निर्णय को अत्यंत सराहनीय कदम बताया. 

UP के प्राइवेट स्कूलों का बड़ा फैसला, कोरोना की वजह से अनाथ हुए बच्चों की शिक्षा का उठाएंगे बीड़ा

लखनऊ: कोरोना की वजह से अनाथ हुए बच्चों की शिक्षा का बीड़ा उत्तर प्रदेश के निजी विद्यालय उठाएंगे. रविवार को यूपी के डिप्टी सीएम और माध्यमिक शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा ने प्रदेश के सभी बड़े प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के साथ बैठक की. जिसके बाद निजी विद्यालयों ने यह फैसला लिया है. 

अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने आज यह जानकारी देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के लगभग सभी विद्यालय विद्यालयों ने कहा कि कोरोनावायरस के कारण जिन बच्चों के माता एवं पिता दोनों का निधन हो गया है. उनकी संपूर्ण पढ़ाई की जिम्मेदारी निजी विद्यालय उठाएंगे. समस्त विद्यालयों ने यह फैसला बच्चों के हित में लेते हुए कहा कि वह बच्चे कभी भी यह महसूस नहीं करेंगे कि उनके माता-पिता नहीं हैं. और विद्यालय में उनका पूरा ध्यान रखा जाएगा.

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विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाएं उन बच्चों के लिए माता पिता एवं अभिभावक के रूप में रहेंगे और उनका विशेष ध्यान रखेंगे. पुष्पलता अग्रवाल ने कहा कि इस कार्य को करके उनको आत्मिक खुशी मिली है और अन्य स्कूलों के द्वारा इस मुहिम में जुड़ने पर उन्होंने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि और वह बच्चे जब अपने जीवन में बुलंदियों को छू लेंगे तो हम सभी विद्यालय संचालकों को अपार खुशी होगी. 

एसोसिएशन की सचिव डॉक्टर माला मेहरा ने बताया कि इस श्रेणी के अंतर्गत जो भी विद्यार्थी आएंगे उनको निशुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी साथ ही उन्होंने कहा कि जिन बच्चों के पिता का निधन कोरोनावायरस की वजह से हुआ है उनकी फीस में 50% की छूट प्रदान की जाएगी.

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उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा जी ने विद्यालयों के इस निर्णय को अत्यंत सराहनीय कदम बताया. उन्होंने कहा कि निजी विद्यालयों द्वारा लिया गया यह निर्णय प्रशंसनीय है.  उत्तर प्रदेश सरकार के साथ कदम से कदम मिलाते हुए निजी विद्यालयों ने बच्चों की शिक्षा का जो बीड़ा उठाया है. यह पूरे देश के लिए एक मिसाल के रूप में साबित होगा. और बच्चों को गुणवत्ता परक शिक्षा उनके अभिभावकों की अनुपस्थिति के पश्चात भी प्राप्त हो सकेगी.

समस्त निजी विद्यालयों ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए बच्चों को शिक्षा प्रदान करने की बात स्वीकार की और कहा कि इन बच्चों को गुणवत्ता परक शिक्षा प्रदान की जाएगी. जिससे बच्चे अपना निर्धारित लक्ष्य प्राप्त कर सके.

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